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    'कनाडा के साथ कई वर्षों से रहा है टकराव', विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- रूस के साथ भारत के संबंध स्थिर

    By AgencyEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 07:47 PM (IST)

    भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कनाडा के साथ कई वर्षों से टकराव रहा है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने भारत-रूस संबंध को बहुत ही असाधारण करार देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही स्थिर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों के दौरान कई देशों के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है।

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    कनाडा के साथ कई वर्षों से रहा है टकरावः विदेश मंत्री। फोटोः एएनआई।

    वाशिंगटन, एएनआई। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 70 सालों के दौरान कई देशों के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में काफी उतार चढ़ाव देखा गया है। अमेरिका-रूस संबंध, चीन-रूस संबंध, अमेरिका-चीन संबंध सहित हर बड़े रिश्तों में काफी अस्थिरता देखी गई है। उन्होंने भारत-रूस संबंध को बहुत ही असाधारण करार देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध बहुत ही स्थिर रहा है।

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    चरमपंथियों के प्रति उदार रवैया अपनाता है कनाडाः विदेश मंत्री

    वहीं, भारत-कनाडा विवाद पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कनाडा के साथ कई वर्षों से टकराव रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि कनाडा अपने यहां आतंकवादियों, चरमपंथी लोगों के प्रति एक बहुत ही उदार रवैया अपनाता है, जो खुले तौर पर हिंसा का वकालत करते हैं। कनाडाई राजनीति की मजबूरियों के कारण उन्हें कनाडा में संचालन की जगह दी गई है। उन्होंने कहा

    कनाडा विवाद पर मैंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की है। उन्होंने इस पूरी स्थिति पर अमेरिकी विचार और आकलन साझा किए।

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     लगातार मजबूत हो रहा क्वाडः जयशंकर

    हिंद-प्रशांत और क्वाड पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान क्वाड ने काफी वृद्धि हुई है। साल 2007 में पहली बार इसका प्रयास किया गया था। हालांकि, यह टिक नहीं पाया और ठंडे बस्ते में पड़ गया। हालांकि, साल 2017 में फिर से इसे  पुनर्जीवित किया गया। उन्होंने कहा कि साल 2017 में यह अमेरिका में नौकरशाही स्तर पर किया गया,  साल 2019 में यह एक मंत्री स्तरीय मंच बन गया। हालांकि, साल 2021 में यह यह एक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मंच बना और क्वाड लगातार मजबूत होता जा रहा है और हमें अगले साल भारत में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का सौभाग्य मिलेगा।

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