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    UN में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि ने कहा- भारत में एक महिला होने का यह सबसे अच्छा समय

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 16 Mar 2023 12:01 AM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि कम्बोज ने कहा‘भारत में विशेष रूप से पिछले आठ-नौ वर्षों में काफी प्रगति हुई है और आज मुझे लगता है कि शायद भारत में एक महिला होने का यह सबसे अच्छा समय है। मैं बहुत ईमानदारी से यह बात कह रही हूं।

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    भारत की दूत रुचिरा कम्बोज की फाइल फोटो।

    संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। संयुक्त राष्ट्र में भारत की दूत रुचिरा कम्बोज (UN envoy Ruchira Kamboj)  ने कहा है कि आज भारत में एक महिला होने का यह सबसे अच्छा समय है। साथ ही कहा कि भारत सरकार सभी स्तरों पर महिलाओं का सशक्तिकरण कर रही है।

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    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा तक महिलाओं की अधिक पहुंच के लिए सार्वजनिक-निजी प्रतिबद्धता का लाभ उठाना’ विषय पर एक उच्च स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया।

    हर स्तर पर महिलाओं को सरकार कर रही सशक्त: रुचिरा कम्बोज

    संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि कम्बोज ने कहा,‘भारत में विशेष रूप से पिछले आठ-नौ वर्षों में काफी प्रगति हुई है और आज, मुझे लगता है कि शायद भारत में एक महिला होने का यह सबसे अच्छा समय है। मैं बहुत ईमानदारी से यह बात कह रही हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार आपको (महिलाओं) हर स्तर पर पूरी तरह से सशक्त कर रही है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति एवं विकास के मॉडल पर जोर दिया है।

    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने, संयुक्त राष्ट्र महिला भारत के साथ साझेदारी में, इस सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 'प्रौद्योगिकी और शिक्षा तक महिलाओं की अधिक पहुंच के लिए सार्वजनिक-निजी प्रतिबद्धता का लाभ उठाना' विषय पर एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा का आयोजन किया। महिलाओं की स्थिति पर आयोग का 67वां सत्र चल रहा है।

    हर क्षेत्र में महिलाओं को समान भागीदारी देने का किया जा रहा प्रयास

    उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत सरकार ने वित्त, ऋण, प्रौद्योगिकी और रोजगार तक महिलाओं की पहुंच को सक्षम करने के लिए अधिक ध्यान दिया है। इसके अलावा मौजूदा सरकार ने कई नागरिक-केंद्रित डिजिटल पहल के जरिए देश की महिलाओं के सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

    वहीं, उन्होंने कहा कि इन पहलों ने संकट में फंसी महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करने, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी को बढ़ावा देने पर भी सरकार ध्यान केंद्रित कर रही है।

    डिजिटलीकरण की वजह से महिलाओं के मिल रहे समान अधिकार

    कम्बोज ने दो प्रमुख पहलों - डिजिटल इंडिया प्रोग्राम और जन धन-आधार-मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी पर भी बात की। मोदी सरकार का यह प्रोग्राम देश में महिला सशक्तिकरण और सतत विकास को गति प्रदान करने के लिए चलाया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान, इन पहलों ने लगभग 200 मिलियन महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा प्रदान की है। संयुक्त राष्ट्र महिला की सहायक महासचिव और उप कार्यकारी निदेशक अनीता भाटिया ने कहा कि 2017 के बाद से डिजिटलीकरण की वजह से महिलाओं के साथ असमानता पर रोक लगी है।

    की स्थिति पर लगातार आयोगों ने लिंग डिजिटल विभाजन को बंद करने में महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका को मान्यता दी है। रुचिरा कम्बोज ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि पुरुषों और लड़कों की तुलना में प्रौद्योगिकी तक महिलाओं की कम पहुंच है।