Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोबेल पुरस्कारों में अमेरिका की सफलता के पीछे अप्रवासियों का बड़ा योगदान, विशेषज्ञ बोले- ट्रंप की नीतियां खतरनाक

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 06:58 AM (IST)

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिन आप्रवासियों को लेकर हायतौबा मचाए हुए हैं, उन्हीं आप्रवासियों के कारण अमेरिका को कई नोबेलपुरस्कार मिल चुके हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image

    नोबेल पुरस्कारों में अमेरिका की सफलता के पीछे अप्रवासियों का बड़ा योगदान (फोटो- एक्स)

    न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिन आप्रवासियों को लेकर हायतौबा मचाए हुए हैं, उन्हीं आप्रवासियों के कारण अमेरिका को कई नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं।

    प्रतिभ किसी सीमा से बंधी नहीं

    ट्रंप यह विरोध अक्सर देश की सुरक्षा के नाम पर करते, पर भीतर ही भीतर जानते है कि प्रतिभा किसी सीमा से बंधी नहीं है। किसी भी राष्ट्र की शक्ति उसके लोगों की विविधता से आती है। वे स्वयं शांति के लिए नोबेल पुरस्कार पाने के लिए प्रयासरत थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौन हैं याघी

    कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर 60 वर्षीय उमर याघी को बुधवार को स्टाकहोम में एक समारोह में रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जार्डन के अम्मान शहर में एक कमरे के घर में पले-बढ़े उमर याघी आज रसायन विज्ञान की दुनिया के सबसे सम्मानित नामों में शामिल हैं।

    याघी की कहानी कोई अनोखी नहीं है

    याघी की कहानी कोई अनोखी नहीं है। इस वर्ष विज्ञान के नोबेल पुरस्कार जीतने वाले छह अमेरिकी विजेताओं में से तीन का जन्म अमेरिका के बाहर हुआ है। इस सदी में, भौतिकी, रसायन विज्ञान और चिकित्सा में अमेरिकी नोबेल पुरस्कारों में प्रवासी मूल के लोगों का हिस्सा अब 40 प्रतिशत है।

    अर्थशास्त्रियों का कहना है कि नोबेल पुरस्कारों द्वारा प्रदर्शित देश के वैज्ञानिक उपलब्धियों के लंबे इतिहास ने सिलिकान वैली में कई खरबों डालर की कंपनियों के साथ-साथ दुनिया की सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था और इसके समृद्ध सामाजिक लाभों के निर्माण में मदद की है।

    ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने इस समृद्धि को खतरे में डाल दिया 

    कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीतियों ने इस समृद्धि को खतरे में डाल दिया है। उनका कहना है कि अमेरिका फ‌र्स्ट नीति अपनाने से, कानूनी अप्रवासियों, विदेशी छात्रों और आने वाले शोधकर्ताओं के लिए आने वाले रास्ते बंद होने से, अमेरिकी समृद्धि का एक युग समाप्त हो सकता है।

    स्टॉकहोम जाने से पहले याघी ने भी यही चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां अमेरिका के वैज्ञानिक उत्कृष्टता के पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डालती हैं।

    ट्रंप की नीतियां ठीक नहीं

    याघी ने आगे कहा कि ट्रंप की नीतियों को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि इसमें शामिल विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले लोग सभी लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाते हैं। यह एक अद्भुत कहानी है। महान विचारक न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया को भी बेहतर बना सकते हैं।