Harvard University ने ट्रंप प्रशासन पर ठोका मुकदमा, कहा- इंटरनेशनल स्टूडेंट के बिना हम हार्वर्ड नहीं
ट्रंप प्रशासन के एक फैसले के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों के दाखिले का अधिकार छीनने पर बोस्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। हार्वर्ड ने इसे अमेरिकी संविधान का उल्लंघन बताया है जिससे 7000 से अधिक वीजा धारक प्रभावित होंगे। विश्वविद्यालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड हार्वर्ड नहीं है।

रॉयटर्स, कैम्ब्रिज। अमेरिका के प्रसिद्ध हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने ट्रंप प्रशासन के एक फैसले के बाद उन्हें कोर्ट में घसीट लिया है। यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों को दाखिला देने का अधिकार छीनने पर ट्रंप प्रशासन के खइलाफ बोस्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।
अदालत में लगाए केस में हार्वर्ड ने ट्रंप के फैसले को अमेरिकी संविधान और फेडरल कानूनों को स्पष्ट उल्लंघन बताया है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस फैसले ने सिर्फ विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि 7000 से अधिक वीजा होल्डर पर तत्काल और विनाशकारी प्रभाव डाला है।
'अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हम हार्वर्ड नहीं'
- 389 साल पुराने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा कि एक कलम के झटके से हार्वर्ड के स्टूडेंट बॉडी के एक चौथाई हिस्से को ट्रंप प्रशासन ने मिटाने की कोशिश की है। विश्वविद्यालय ने कहा कि अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बिना हार्वर्ड, हार्वर्ड नहीं है।
- बता दें कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने एक अभूतपूर्व फैसले में हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की पात्रता रद कर दी है। प्रशासन ने विश्वविद्यालय को गुरुवार को सूचित किया कि उसने गृह सुरक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में चल रही जांच के तहत यह कदम उठाया है।
- गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम ने विश्वविद्यालय को एक पत्र लिखकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को दाखिला देने की उसकी पात्रता को खत्म कर दिया गया है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को विश्वविद्यालय के साथ बढ़ते टकराव के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसका खामियाजा हजारों विदेशी छात्रों को उठाना पड़ेगा। प्रशासन के इस कदम से भारतीय छात्र भी खासे प्रभावित होंगे।
वर्तमान छात्रों पर क्या पड़ेगा असर
हार्वर्ड में 788 भारतीय छात्रहार्वर्ड के स्कूलों में इस समय दुनियाभर के कुल 10158 छात्र और शोधकर्ता पंजीकृत हैं। इनमें 1203 चीनी छात्र भी हैं। हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस की वेबसाइट के अनुसार, विश्वविद्यालय के तहत सभी स्कूलों मे 2024-2025 में भारत के 788 छात्र और शोधार्थी पंजीकृत हैं। जबकि हार्वर्ड ग्लोबल सपोर्ट सर्विसेज ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हर वर्ष 500-800 भारतीय छात्र और शोधकर्ता हार्वर्ड में पढ़ते हैं।
वर्तमान सेमेस्टर में अपनी डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को स्नातक होने की अनुमति होगी। गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम के पत्र में कहा गया है कि ये बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से प्रभावी होंगे। हालांकि उन छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित होना होगा, जिनकी डिग्री अभी तक पूरी नहीं हुई है। ऐसा नहीं करने पर वे अमेरिका में रहने की अपनी कानूनी स्थिति को खो देंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।