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    US Visa: H-1B वीजा में आज से बड़े बदलाव, क्या भारतीयों को इससे होगा फायदा?

    Updated: Fri, 17 Jan 2025 03:52 PM (IST)

    अमेरिका की तरफ से H-1B वीजा कार्यक्रम में किए गए ये सुधार भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। जो छात्र अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और अमेरिका में काम करना चाहते हैं उनके एफ-1 वीजा को एच-1बी वीजा में बदलने की प्रक्रिया को आसान किया गया है।एफ-1 वीजा वाले छात्रों को एच-1बी स्थिति में जाने पर कम चुनौतियों का अनुभव होगा।

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    H-1B वीजा को लेकर अमेरिका में बड़े बदलाव (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका आज से एच-1बी वीजा कार्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है। एच-1बी वीजा दुनियाभर के कुशल पेशेवरों को अमेरिका में रहने और काम करने की सुविधा देता है। इससे भारतीय टेक प्रोफेशनल्स को बड़ा फायदा होगा।

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    भारतीय पेशेवरों को इस एच-1बी वीजा से बहुत फायदा मिलता है और इसकी वजह से ही लाखों भारतीय अमेरिका में काम कर रहे हैं।

    एच-1बी वीजा कार्यक्रम, जो वैश्विक प्रतिभा को आकर्षित करने में सहायक रहा है। अपने ढांचे को आधुनिक बनाने और मौजूदा मुद्दों को संबोधित करने के लिए डिजाइन किए गए इसके फ्रेमवर्क 2023 में एच-1बी वीजा धारकों में 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय पेशेवर होंगे, इन बदलावों से उन्हें काफी फायदा हो सकता है।

    भारतीय को होगा फायदा

    • एच-1बी वीजा का संचालन यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) की तरफ से किया जाता है।
    • साल 2023 में अमेरिका ने जितने भी H-1B वीजा जारी किए थे, उनका लाभ पाने वाले 70 प्रतिशत पेशेवर भारतीय ही थे।
    • माना जा रहा है कि नए बदलावों से भारतीयों को फायदा मिल सकता है।

    H-1B वीजा नियमों में होंगे ये बदलाव

    निष्पक्ष लॉटरी प्रोसेस: सख्त उपायों से संगठनों की तरफ से एक से अधिक बड़े पैमाने पर आवेदन जमा करने पर रोक लगेगी, जिससे अधिक न्यायसंगत प्रणाली सुनिश्चित होगी।

    एफ-1 वीजा वाले छात्रों को एच-1बी स्थिति में जाने पर कम चुनौतियों का अनुभव होगा।

    जो छात्र अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और अमेरिका में काम करना चाहते हैं, उनके एफ-1 वीजा को एच-1बी वीजा में बदलने की प्रक्रिया को आसान किया गया है।

    विशेषज्ञ पेशे में बदलाव

    नए नियमों के तहत विशेषज्ञ पेशे में बदलाव किए गए हैं। इनके तहत पात्र पदों को भरने के लिए स्नातक डिग्री की जरूरी होगी, लेकिन कुछ मामलों में इसमें छूट भी दी जा सकती है और अगर उनकी योग्यता नौकरी से संबंधित है तो बिना विशेषज्ञ डिग्री भी उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है।

    यकीनन इन बदलावों का भारतीय पेशेवरों पर भी असर पड़ेगा। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अमेरिका की आव्रजन नीति में यह आखिरी सुधार है क्योंकि 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं।