Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो न्यूट्रॉन तारों के मिलने से बना हल्का ब्लैक होल

    अनंत आकाश हमेशा से खगोलविदों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। वह विशाल दूरबीनों के जरिये ब्रह्मांड के रहस्य जानने का प्रयास करते रहते हैं।

    By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Sat, 02 Jun 2018 08:32 AM (IST)
    दो न्यूट्रॉन तारों के मिलने से बना हल्का ब्लैक होल

    वाशिंगटन [प्रेट्र]। अनंत आकाश हमेशा से खगोलविदों को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। वह विशाल दूरबीनों के जरिये ब्रह्मांड के रहस्य जानने का प्रयास करते रहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक अहम चीज का पता लगाया है। खगोलविदों के मुताबिक, पिछले साल दो न्यूट्रॉन स्टार (छोटे आकार व उच्च घनत्व वाले तारे) के मिलने से गुरुत्वीय तरंग निकली थी। इन तरंगों के कारण अभी तक के एक बहुत ही कम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के बनने की संभावना है। अमेरिका स्थित ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने नासा के चंद्र एक्स-रे वेधशाला से जुटाई गई जानकारियों के आधार पर यह अनुमान लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    17 अगस्त 2017 को नासा के फर्मी मिशन ने गामा किरण और लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जरवेटरी (एलआइजीओ) ने गुरुत्वीय तरंगों की पहचान की थी। एलआइजीओ से मिली जानकारी के अनुसार दो न्यूट्रॉन तारों से बने जीडब्ल्यू170817 का द्रव्यमान सूर्य से 2.7 गुना अधिक है। इससे दो बातें हो सकती हैं या तो तारों की टक्कर से सबसे बड़ा न्यूट्रॉन तारा बना होगा या सबसे कम भार वाले ब्लैक होल का निर्माण हुआ।

    वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़ा न्यूट्रॉन स्टार बना होता तो यह तेजी से घूमकर चुंबकीय क्षेत्र बनाता और इससे उच्च ऊर्जा वाली एक्स-रे का उत्सर्जन होता, लेकिन जीडब्ल्यू170817 से बहुत ही कम ऊर्जा वाली एक्स-रे निकलने का प्रमाण मिला है। इसका मतलब है कि बड़े तारे की जगह ब्लैक होल का निर्माण हुआ होगा।

    यदि यह सिद्ध हो जाता है तो वैज्ञानिक जान पाएंगे कि कई बार ब्लैक होल का निर्माण काफी जटिल प्रक्रियाओं से भी हो सकता है। आने वाले समय में एक्स-रे और रेडियो वेवलेंथ की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि जीडब्ल्यू170817 एक विशाल न्यूट्रॉन तारा है या ब्लैक होल। यदि यह तारा हुआ तो इससे अधिक ऊर्जा वाली एक्स-रे और रेडियो वेवलेंथ का उत्सर्जन होगा और ब्लैक होल होने पर धीरे-धीरे एक्स-रे की ऊर्जा कम होती जाएगी।