Goldman Sachs: इन मुकदमों को सुलझाने के लिए राजी हुआ गोल्डमैन सैश समूह, 215 मिलियन डॉलर का करेगा भुगतान
बात साल 2010 की है जब गोल्डमैन की पूर्व अधिकारी क्रिस्टीना चेन-ओस्टर और शन्ना ऑरलिच ने एक शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में कहा गया कि गोल्डमैन सेश ने लिंग के आधार पर भेदभाव कर वेतन और प्रमोशन से वंचित कर दिया।
न्यूयॉर्क, एजेंसी। अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैश लंबे समय से चल रहे एक मुकदमे को सुलझाने के लिए 215 मिलियन डॉलर का भुगतान करने को तैयार है। दरअसल, कंपनी के खिलाफ मुकदमे में ऑफिस में गलत व्यवहार के 75 से ज्यादा मामले शामिल हैं। जिसमें अनुचित टिप्पणी, लिंग के आधार पर भेदभाव, महिला कर्मचारियों को प्रमोट न करना इत्यादि आरोप हैं।
इन महिलाओं को किया गया शामिल
बैंक और वादी के वकीलों द्वारा जारी किए गए संयुक्त बयान के मुताबिक, इस सेटलमेंट में 2000 के दशक से इस वर्ष मार्च तक बैंकिंग, प्रबंधन और सिक्योरिटी डिवीजन में कार्यरत लगभग 2,800 महिलाएं को शामिल किया गया है।
लिंग के आधार पर भेदभाव का आरोप
बता दें कि महिलाओं के साथ असमान व्यवहार का आरोप लगाने वाला यह मुकदमा सर्वोच्च-प्रोफाइल मामलों में से एक है। बात साल 2010 की है, जब गोल्डमैन की पूर्व अधिकारी क्रिस्टीना चेन-ओस्टर और शन्ना ऑरलिच ने एक शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत में कहा गया कि गोल्डमैन सेश ने लिंग के आधार पर भेदभाव कर वेतन और प्रमोशन से वंचित कर दिया।
शन्ना ऑरलिच ने कहा कि पिछले करीब 13 सालों से बिना किसी हिचकिचाहट के इस मामले का समर्थन करने पर गर्व है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि इस सेंटलमेंट से उन महिलाओं को मदद मिलेगी, जिनको लेकर मैंने यह मामला दायर किया था।
मामले को सुलझाने के लिए सहमत हुए दोनों पक्ष
गोल्डमैन सैश के मानव पूंजी प्रबंधन के वैश्विक प्रमुख जैकलीन आर्थर ने कहा कि एक दशक से भी ज्यादा समय तक चले केस के बाद दोनों पक्ष इस मामले को सुलझाने के लिए सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों, ग्राहकों और व्यवसाय पर ध्यान देना जारी रखेंगे।