Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जंगल में 'अमंगल'! गूगल मैप का इस्तेमाल करना पड़ा भारी, मगरमच्छों से भरी नदी करनी पड़ी पार

    Updated: Fri, 01 Mar 2024 12:15 PM (IST)

    गूगल मैप ने एक बार फिर से पर्यटकों को रास्ते से भटका दिया। दो जर्मन पर्यटक फिलिप मैयर और मार्सेल शोएने ने गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर रहे थे जिसके बाद द ...और पढ़ें

    Hero Image
    गूगल मैप का इस्तेमाल करना पड़ा भारी (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर हम लंबा सफर तय करने से पहले गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं जिससे हम आसानी से अपनी मंजिल पर पहुंच जाए लेकिन दो जर्मन पर्यटकों को गूगल मैप का इस्तेमाल करना भारी पड़ा।

    9न्यूज के अनुसार, दो जर्मन पर्यटक, फिलिप मैयर और मार्सेल शोएने ने गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसके बाद दोनों ऑस्ट्रेलियाई जंगल में खो गए।

    गूगल मैप ने पहुंचाया बंद पड़े राष्ट्रीय उद्यान

    वे दोनों केर्न्स से बामागा तक यात्रा कर रहे थे और एक सुदूर गंदगी वाले रास्ते पर जा पहुँचे जो उन्हें एक बंद राष्ट्रीय उद्यान में ले गया।

    समाचार आउटलेट के अनुसार, उनकी कार सुनसान ट्रैक पर 37 मील चलने के बाद कीचड़ में फंस गई। कोई फोन सेवा नहीं होने और सीमित आपूर्ति के कारण, उन्हें सुरक्षित जगह तक पहुँचने के लिए अपने वाहन को भी छोड़ना पड़ा और एक सप्ताह से अधिक समय तक पैदल यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस यात्रा के दौरान उन्हें तूफान, तेज गर्मी और बदलते मौसम की स्थिति का भी सामना करना पड़ा और यहां तक कि उन्हें मगरमच्छों से भरी नदी का भी सामना करना पड़ा।

    मुझे ऐसा लगा कि मैं किसी फिल्म में हूं- मैयर

    60 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उनकी गाड़ी फंस जाने से उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ा। पैदल आगे बढ़ने का प्रयास करते हुए, उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि वे एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं।

    मैयर ने कहा, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी फिल्म में हूं, किसी खराब फिल्म की तरह, लेकिन इसका अंत सुखद था।

    मैयर ने आगे कहा कि हमने एक आश्रय स्थल बनाने का प्रयास किया। लेकिन यह वास्तव में अच्छा काम नहीं कर पाया। जिसके बाद हम खुले आसमान के नीचे सोये और इस दौरान पूरे समय बारिश होती रही, लेकिन स्थिति ठीक थी।

    उन्हें वापस कोएन शहर तक पैदल चलने में एक सप्ताह लग गया। आखिरकार, वे सहायता लेने के लिए एक छोटी बस्ती में पहुँचे।

    गूगल मैप से जा पहुंचे सूखी नाली में

    क्वींसलैंड पार्क और वन्यजीव रेंजर रोजर जेम्स ने कहा, एक बार जब उन्हें एहसास हुआ कि गूगल मैप उन्हें सूखी नाली में ले जा रहा है, तो वे पीछे हट गए और बाहर निकलने का निर्णय लेने से पहले जब तक संभव हो सके वाहन के साथ रहे।

    मैयर ने उल्लेख किया कि जिस अंतिम खाड़ी को उन्होंने पार किया था उसमें एक मगरमच्छ था।

    गूगल के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी को राहत है कि जर्मन पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

    यह पहली बार नहीं है जब Google मैप्स ने उपयोगकर्ताओं को गुमराह किया है। कुछ महीने पहले, कैलिफोर्निया में एक समूह को ऐप द्वारा राजमार्ग से हटाकर रेगिस्तान में भेज दिया गया था।

    यह भी पढ़ें- Pakistan: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पीएम, नेशनल असेंबली स्पीकर चुनाव के लिए JUI-F से मांगा समर्थन

    यह भी पढ़ें- Brian Mulroney Died: कनाडा के पूर्व PM ब्रायन मुल्रोनी का 84 वर्ष की आयु में निधन, बेटी ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी