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    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप बोले- पहले कभी नहीं हुई इतने बुरे हालात में युद्ध से वापसी

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Tue, 31 Aug 2021 02:28 PM (IST)

    अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर बाइडन प्रशासन पर कड़े प्रहार किए हैं। ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान में छूट गए उपकरणों को बाइडन प्रशासन सैन्य बल से प्राप्त करे या उन्हें नष्ट करे।

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    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप बोले- पहले कभी नहीं हुई इतने बुरे हालात में युद्ध से वापसी

    वाशिगंटन, प्रेट्र। अफगानिस्तान में अफरातफरी में हुई अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर बाइडन प्रशासन पर कड़े प्रहार किए हैं। ट्रंप ने कहा कि इतिहास गवाह है कि युद्ध के मैदान से अमेरिकी सेना की वापसी इतने बुरे हालात में पहले कभी नहीं हुई।

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    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब अफगानिस्तान में रह गए हमारे हथियार और उपकरणों को वापस लेने की मांग की जानी चाहिए, क्योंकि इन उपकरणों पर अरबों डालर हर अमेरिकी के पैसे से खर्च हुआ है।

    यदि ये उपकरण और हथियार वापस नहीं लौटाए जाते हैं, तो अमेरिका को सैन्य बल का इस्तेमाल करना चाहिए या फिर इनको बम से उड़ा देना चाहिए। जिस तरह की वापसी हुई, ऐसी मूर्खता के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था।

    अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि बाइडन प्रशासन का ध्यान केवल अंतिम समय सीमा पर ही था और इसके लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई।

    संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं निक्की हेली ने इसको शर्मनाक वापसी बताया है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी नागरिकों और अफगान सहयोगियों को ऐसी जगह छोड़ दिया, जहां आतंकवादियों का राज है। इन लोगों के साथ कुछ भी होता है, तो इसके लिए सीधे तौर पर जो बाइडन ही जिम्मेदार होंगे।

    निक्की हेली ने पहले कहा था कि काबुल पर तालिबान का कब्जा बाइडन प्रशासन की असफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि वहां से सुरक्षित निकलने की तालिबान से भीख मांगना दुर्भाग्यपूर्ण। जिन अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान में बलिदान दिया, उनके परिवारों ने भी इस स्थिति की कल्पना नहीं की होगी।

    वहीं, पूर्व विदेश मंत्री माइक पोंपिओ ने कहा था कि अभी मैं डोनाल्ड ट्रंप जैसे कमांडर इन चीफ के साथ मंत्री होता तो तालिबान को समझ में आ जाता कि अमेरिका के खिलाफ साजिश रचने का क्या परिणाम होता है। कासिम सुलेमानी को इसका सबक सिखाया गया था। तालिबान ने भी पूर्व में यह सबक सीखा है।