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    गृहमंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध की मांग कर रहा अमेरिकी कमीशन, जाने क्‍यों

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Tue, 10 Dec 2019 05:30 PM (IST)

    नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को गलत दिशा में खतरनाक मोड़ बताते हुए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने गृहमंत्री पर रोक लगाने की मांग की है।

    गृहमंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध की मांग कर रहा अमेरिकी कमीशन, जाने क्‍यों

    वाशिंगटन, प्रेट्र। नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को लेकर अमेरिका में भी विरोधी सुर हैं। अंतरराष्‍ट्रीय धार्मिक स्‍वतंत्रता के अमेरिकी फेडरल कमीशन (USCIRF) ने गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) पर रोक लगाने की बात कही है। कमीशन ने अमेरिकी सरकार से मांग की है कि यदि भारत के संसद में इस विधेयक को पारित कर दिया गया तब गृहमंत्री अमित शाह को अमेरिका में प्रतिबंधित करना ही उचित है।

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    प्रस्‍तावित विधेयक के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और अफगानिस्‍तान से आए हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदायों के आए लोग जिनका धार्मिक उत्‍पीड़न हो रहा है उन्‍हें अब यह नहीं सहना पड़ेगा क्‍योंकि उन्‍हें भारत की नागरिकता प्रदान किया जाएगा। गृहमंत्री ने बताया कि यह विधेयक भाजपा के घोषणापत्र का हिस्‍सा रहा है। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में देश के 130 करोड़ लोगों ने मोदी सरकार के नेतृत्व में इस विधेयक को मंजूरी दी है।

    सोमवार को जारी एक बयान में अमेरिकी कमीशन ने कहा कि लोकसभा में विधेयक के पारित किए जाने को लेकर वह काफी चिंतित है। यदि CAB संसद के दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो अमेरिका में गृहमंत्री अमित शाह को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। कमीशन ने आगे कहा, ‘CAB गलत दिशा में खतरनाक मोड़ है, यह भारतीय संविधान और इतिहास के उल्‍टे दिशा में है।

    9 दिसंबर, सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को लोकसभा में पेश किया। सदन के 311 सदस्यों ने इसपर अपना समर्थन दिया और इसे पारित कर दिया गया। अब इसे राज्यसभा से पारित होना है।

    गृहमंत्री ने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताया है। गृह मंत्री ने विपक्ष का जिक्र किया और बताया कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए शरणार्थी भी अल्पसंख्यक हैं। वहां इनका धार्मिक उत्‍पीड़न हो रहा है इसलिए ही भारत आए। यहां किसी को धार्मिक उत्‍पीड़न सहने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।