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भारत की अनदेखी कर पाकिस्‍तान के लड़ाकू विमान F-16 को लेकर दी गई मदद पर क्‍या बोला अमेरिका

US Pakistan Relation अपने फैसले का बचाव करते हुए अमेरिका ने कहा है कि एफ -16 कार्यक्रम तौर पर व्यापक अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पाकिस्‍तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन करने की अनुमति देगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 05:25 PM (IST)
भारत की अनदेखी कर पाकिस्‍तान के लड़ाकू विमान F-16 को लेकर दी गई मदद पर क्‍या बोला अमेरिका
अमेरिका ने कहा कि एफ -16 कार्यक्रम तौर पर व्यापक अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के पुराने F-16 लड़ाकू विमान के रखरखाव के लिए करीब 45 करोड़ डालर के पैकेज को हरी झंडी दी थी। इसे लेकर भारत ने बाइडन प्रशासन के इस निर्णय पर सख्‍त नाराजगी जताई थी। भारत ने दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को अपनी नाराजगी के बारे में बता दिया था। भारत ने अमेरिका के इस फैसले की टाइमिंग को लेकर भी अमेरिका के सामने सवाल उठाया था।अमेरिका ने पाक को यह राशि मुहैया कराकर पाकिस्‍तानी सेना को मजबूत करने की कोशिश की है। इससे भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को बड़ा झटका लगा है।

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अमेरिका ने किया फैसले का बचाव

अपने फैसले का बचाव करते हुए अमेरिका ने कहा है कि एफ -16 कार्यक्रम तौर पर व्यापक अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पाकिस्‍तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन करने की अनुमति देगा। बाइडन प्रशासन ने 45 करोड़ डालर के सैन्‍य विमानों के रखरखाव के अपने फैसले का बचाव करते हुए यह बात कही। ज्ञात हो कि पाकिस्तान ने भारत की बालाकोट स्ट्राइक के बाद पलटवार करते हुए इसी लड़ाकू विमान एफ-16 का इस्तेमाल किया था।

4 साल बाद दी गई पाकिस्तान को सहायता

8 सितंबर को बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान को 4 साल में पहली बार बड़ी सुरक्षा सहायता प्रदान की गई है। इसके जरिए वर्तमान और भविष्य के आतंकवाद विरोधी खतरों से निपटने में मदद करने के लिए लड़ाकू विमान F-16 के रखरखाव के लिए 45 करोड़ अमरीकी डालर की मंजूरी दी है।

कांग्रेस को दी थी एफ-16 के रखरखाव के लिए 46 करोड़ देने की घोषणा

विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि हमने हाल में कांग्रेस को पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 कार्यक्रम के रखरखाव और सेवाओं के लिए 46 करोड़ डालर की प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री के बारे में सूचित किया था।

पाकिस्‍तान अमेरिका का महत्‍वपूर्ण भागीदार

उन्‍होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान कई मायनों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। वह एक आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का महत्वपूर्ण भागीदार है। हमारी लंबे समय से चली आ रही नीति के हिस्से के रूप में हम यूएस मूल के प्लेटफार्मों के लिए रखरखाव और निरंतरता के लिए पैकेज प्रदान करते हैं।

आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए समर्थन

प्राइस ने कहा कि पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम व्यापक अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह प्रस्तावित बिक्री एफ-16 बेड़े को बनाए रखते हुए वर्तमान और भविष्य के आतंकवाद विरोधी खतरों से निपटने के लिए पाकिस्तान की क्षमता को बनाए रखेगी। प्रवक्ता ने कहा कि अब यह एक बेड़ा है, जो पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियानों का समर्थन करने की अनुमति देता है। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करेगा।

बाइडन ने ट्रंप के फैसले का पलटा

2018 में बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क आतंकवादी समूहों पर नकेल कसने और देश में उनके सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने में विफल रहने के लिए इस्लामाबाद को सुरक्षा सहायता में लगभग $ 2 बिलियन को निलंबित कर दिया था।


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