US जाने या वहां से आने वाले हर नागरिक की खींची जाएगी फोटो, होने जा रहा ये सिस्टम लागू
अमेरिका जाने या आने वाले गैर-अमेरिकी नागरिकों के लिए नया नियम लागू होने जा रहा है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) बायोमेट्रिक ट्रैकिंग सिस्टम का विस्तार कर रही है। जिसके तहत सभी गैर-अमेरिकी नागरिकों की फोटो फेशियल-रिकग्निशन डेटाबेस में डाली जाएगी। यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है, जिससे वीजा ओवरस्टे और अवैध प्रवेश को रोका जा सके।

अमेरिका में सख्त होने जा रहे नियम। (प्रतीकात्मक तस्वीर।)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप अमेरिका जा रहे हैं या फिर वहां से वापस आ रहे हैं तो उससे पहले कुछ नियमों के बारे में जान लेना जरूरी है। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) ने अपने बायोमैट्रिक ट्रैकिंग सिस्टम को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की घोषणा की है।
एक नोटिफिकेशन में बताया गया है कि अमेरिका आने या जाने वाले हर गैर-अमेरिकी नागरिक की फोटो खींची जाएगी और उसे फेशियल-रिकग्निशन डेटाबेस में डाला जाएगा। इस नियम के तहत एयरपोर्ट, सीपोर्ट और लैंड क्रॉसिंग शामिल हैं। एजेंसी का कहना है कि वह एक इंटीग्रेटेड बायोमेट्रिक एंट्री-एग्जिट सिस्टम लागू करेगी जो आने पर इकट्ठा किए गए एलियंस (यानी: विदेशी नागरिकों) के बायोमेट्रिक डेटा की तुलना जाने वाले इकट्ठा किए गए बायोमेट्रिक डेटा से करेगी।
अमेरिका ने क्यों उठाया यह कदम?
यह काम नेशनल सिक्योरिटी रिस्क, फर्जी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स, वीजा ओवरस्टे और बिना कानूनी एंट्री या पैरोल के विदेशी नागरिकों की मौजूदगी से निपटने के लिए किया जाएगा। हालांकि सीबीपी ने पिछले कई सालों से अमेरिका आने पर कुछ विदेशी नागरिकों से बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा किया है, लेकिन नया नियम डेटा इकट्ठा करने के प्रोसेस में काफी बढ़ोतरी को दिखाता है।
एजेंसी ने आगे कहा कि इस बढ़े हुए सिस्टम से फोटो खींचने के प्रोसेस में 14 साल से कम उम्र के बच्चों और 79 साल से ज्यादा उम्र के बुज़ुर्गों को मिलने वाली मौजूदा छूट भी खत्म हो जाएगी।
किन लोगों पर लागू होगा यह नियम?
यह नियम सभी गैर-नागरिकों पर लागू होगा, जिसमें अप्रवासी, वैध स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारक) और अवैध रूप से रहने वाले लोग शामिल हैं। और यह सीबीपी को इन व्यक्तियों के प्रवेश और/या प्रस्थान के समय चेहरे की पहचान वाली फोटोग्राफी अनिवार्य करने का अधिकार देगा।
रेगुलेटरी डॉक्यूमेंट में प्रस्ताव है कि यह नियम 27 अक्टूबर (जो फेडरल रजिस्टर में पब्लिकेशन की ऑफिशियल तारीख है) से 60 दिन बाद लागू होगा। नवंबर 2020 में इसी तरह के एक प्रस्ताव का सिविल-राइट्स ग्रुप्स ने विरोध किया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।