Earth Temperature in May 2020: 20 वीं सदी के औसत से लगभग एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा तापमान
अमेरिकी मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को बताया कि मई में धरती का औसत तापमान 60.3 डिग्री (15.7 डिग्री सेल्सियस) था। यह 20 वीं सदी के औसत तापमान से लगभग 1 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को बताया कि मई में धरती का औसत तापमान 60.3 डिग्री (15.7 डिग्री सेल्सियस) था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार रिकॉर्ड रखने के 141 वर्षों में साल 2020 का मई साल 2016 के मई इतना गर्म रहा। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार यह पृथ्वी के 20 वीं सदी के औसत तापमान से 1.7 डिग्री (लगभग 1 डिग्री सेल्सियस) अधिक है। भूमि पर तापमान ने गर्मी का रिकॉर्ड बनाया, जबकि समुद्र का तापमान दूसरे स्थान पर रहा। अफ्रीका, एशिया, पश्चिमी यूरोप, दक्षिण और मध्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई।
एनओएए के जलवायु निगरानी प्रमुख डेके अरंड्ट ने कहा कि 2014 से 2020 तक पिछले सात मई रिकॉर्ड में सबसे ज्यादा गर्म मई रहे हैं। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार पिछला वसंत 2016 के बाद दूसरा सबसे गर्म वसंत था। अब तक इस साल के शुरुआती पांच महीने गर्म रहने मामले में दूसरे नंबर पर हैं। इसकी काफी हदतक संभावना है कि 1880 के बाद से 2020 दो सबसे गर्म वर्षों में से एक होगा।
वैज्ञानिकों ने धरती के अंदर की परत कोर के नजदीक विषम संरचनाओं का पता लगाया
सिस्मिक वेव्स की हजारों रिकॉर्डिंग का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों ने धरती के अंदर की परत कोर के नजदीक विषम संरचनाओं का पता लगाया है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार जर्नल साइंस में प्रकाशित नया शोध, कोर-मेंटल बाउंड्री को लेकर व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। शोधकर्ताओं ने प्रशांत महासागर के बेसिन के नीचे से गुजरने वाली भूकंपीय तरंगों की ईको पर ध्यान केंद्रित किया। इस विश्लेषण में पता चला कि इस सीमा पर बहुत सी ऐसी संरचनाएं हैं, जो इस तरह की ईको पैदा कर रही हैं।
काफी ज्यादा बड़ी संरचना मिली
समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार इस विश्लेषण से दक्षिण प्रशांत में हवाई और मार्केसस द्वीपों के नीचे एक अज्ञात संरचना का पता चला। वैज्ञानिकों ने जितना सोचा था, उससे काफी ज्यादा बड़ी संरचना मिली। शोध के प्रमुख लेखक डोयओन किम के अनुसार कोर-मेंटल की सीमा से आने वाले ईको पर ध्यान केंद्रित करने पर नई जानकारी सामने आई। इस दौरान पता चला की यहांबहुत सारी ऐसी संरचनाएं हैं, जिससे इस तरह की ईको पैदा हो रही हैं।
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