ट्रंप ने हमास को दिया अल्टीमेटम... कहा- रविवार तक समझौता करो, नहीं नरक का सामना करना पड़ेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को हमास को अल्टीमेटम दिया कि वह रविवार शाम 6 बजे तक वाशिंगटन डीसी समय के अनुसार उनकी गाजा शांति योजना को स्वीकार कर ले अन्यथा उसे नरक का सामना करना पड़ेगा। कहा कि हमास के लिए यह आखिरी मौका है। इसके बाद इजरायल को पूरी ताकत से कार्रवाई के लिए अनुमति दे दी जाएगी।

एपी, यरुशलम। गाजा पट्टी में इजरायली हमलों और आपसी गोलीबारी में शुक्रवार को 57 फलस्तीनी मारे गए। गाजा पर इजरायली हमले जारी हैं लेकिन युद्धविराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर चार दिनों में हमास ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
बताया गया है कि प्रस्ताव के कुछ बिंदुओं से वह असहमत है और उन पर चर्चा चाहता है। लेकिन ट्रंप ने प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए हमास को वाशिंगटन के समयानुसार रविवार शाम छह बजे तक का वक्त दिया है।
इजरायल को देंगे पूरी ताकत के साथ कार्रवाई के आदेश
कहा, विश्व के प्रत्येक देश ने प्रस्ताव का समर्थन किया है, इसलिए हमास के लिए यह आखिरी मौका है। इसके बाद इजरायल को पूरी ताकत से कार्रवाई के लिए अनुमति दे दी जाएगी।
योजना के अनुसार हमास को 48 जीवित-मृत बंधकों को इजरायल को सौंपना है जबकि कुछ शर्तों के साथ इजरायल को गाजा में हमले रोकने हैं। लेकिन करीब दो वर्ष से जारी युद्ध को रोकने वाली तस्वीर बनती प्रतीत नहीं हो रही है। हमास अपने खात्मे के मसौदे पर खुद दस्तखत नहीं करना चाहता है।
हमास से संपर्क वाले मध्यस्थ कतर और मिस्त्र ने कहा है कि हमास को लग रहा है कि प्रस्ताव इजरायल का पक्ष लेते हुए तैयार किया गया है। प्रस्ताव में स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र के गठन के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है। इसलिए फलस्तीनी संगठन कुछ ¨बदुओं पर चर्चा करना चाहता है।
66 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए
युद्ध में अभी तक 66 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं और लाखों लोगों की आबादी वाले गाजा सिटी में इन दिनों भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है। हफ्तों से वहां पर खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो रही है, इसलिए वहां पर लोग भूखजनित कारणों से भी मर रहे हैं।
गाजा में खाद्यान्न पहुंचाने की गैर सरकारी कोशिश विफल
खाद्य सामग्री लेकर जा रहे 42 जहाजों के काफिले में शामिल अंतिम जहाज को भी इजरायली नौसेना ने कब्जे में ले लिया है और उसे इजरायल के बंदरगाह अशदोद की ओर ले जाया गया है। इन जहाजों से हिरासत में लिए गए करीब 450 लोगों में से कुछ को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इस गैर सरकारी अभियान के आयोजकों ने गाजा की गैरकानूनी घेराबंदी तोड़ने की कोशिश को बलपूर्वक विफल करने की इजरायली कार्रवाई की निंदा की है।
कहा है कि वह भूख से त्रस्त लोगों के लिए खाद्य सामग्री लेकर जा रहे थे, इस मानवीय कार्य को भी रोका गया, यह अमानवीय कृत्य है-इसके खिलाफ विश्व को एकजुट होना चाहिए। इस अभियान में स्वीडन की पर्यावरण सुधार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित कई प्रमुख लोग शामिल थे।
पाकिस्तान ने कहा, उचित नहीं है ट्रंप का प्रस्ताव
गाजा पर ट्रंप के प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान ने नई बात कही है। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि यह प्रस्ताव उस लाइन पर नहीं है जिसके लिए ट्रंप की मुस्लिम देशों के नेताओं के साथ न्यूयार्क में 22 सितंबर को वार्ता हुई थी। उस वार्ता में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल थे।
डार ने कहा, उस बैठक में मुस्लिम देशों ने इजरायली सेना की गाजा से पूर्ण वापसी की शर्त बताई थी जबकि ट्रंप की योजना में सेना की चरणबद्ध वापसी की बात है लेकिन उसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है।
ट्रंप के 20 सूत्री प्रस्ताव में नहीं है
वेस्ट बैंक को इजरायल में न मिलाए जाने की भी मुस्लिम देशों की शर्त थी लेकिन उसका भी जिक्र ट्रंप के 20 सूत्री प्रस्ताव में नहीं है। डार ने यह बात पाकिस्तानी संसद में कही है। विदित हो कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्रंप का प्रस्ताव घोषित होते ही उसके समर्थन की घोषणा की थी।
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