'हर कोई चाहता है मुझे शांति का नोबेल मिले', 7 युद्ध रुकवाने का दावा कर UN में क्या-क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए सात युद्ध रुकवाने का दावा किया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की। ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चिंता जताई और उसे आतंक फैलाने वाला नंबर 1 देश बताया। उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायलियों को छुड़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर 7 युद्ध रुकवाने का दावा किया है। ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर रुकवाने का फिर से क्रेडिट लेने की कोशिश की। दरअसल डोनल्ड ट्रंप यूनाइटेड नेशन के जनरल असेंबली को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम का भी जिक्र किया। ट्रंप के कहा कि आतंक फैलाने वाले नंबर 1 देश को इतनी छूट नहीं मिलनी चाहिए। ट्रंप ने हमास को भी रोकने की बात कही। उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायलियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें वापस लाना जरूरी है।
7 युद्ध रुकवाने का दावा
ट्रंप ने कहा, 'सिर्फ़ सात महीनों की अवधि में मैंने सात अकल्पनीय युद्धों को समाप्त कर दिया है। इनमें कंबोडिया और थाईलैंड, कोसोवो और सर्बिया, कांगो और रवांडा, पाकिस्तान और भारत, इज़राइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, और आर्मेनिया और अज़रबैजान शामिल हैं।'
उन्होंने कहा, 'सभी लोग कहते हैं कि इन सभी उपलब्धियों के लिए मुझे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। लेकिन मेरे लिए असली पुरस्कार वे बेटे-बेटियाँ होंगे जो अपने माता-पिता के साथ बड़े होकर खुशहाल जीवन जी सकें, क्योंकि अब लाखों लोग कभी न खत्म होने वाले और बेकार युद्धों में मारे नहीं जा रहे हैं। मुझे पुरस्कार जीतने से कोई मतलब नहीं है, मेरा मकसद लोगों की जान बचाना है। हमने सात युद्धों में लाखों लोगों की जान बचाई। और हम ऐसे और भी काम कर रहे हैं।'
संयुक्त राष्ट्र पर बोला हमला
ट्रंप ने कहा, 'मैंने सात युद्ध खत्म किए... कोई भी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री, और न ही कोई और देश ऐसा कुछ कर पाया। मैंने यह सिर्फ सात महीनों में किया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मुझे यह करके बहुत गर्व है। यह बहुत दुख की बात है कि मुझे यह सब करना पड़ा, जबकि यह काम संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए था। और अफसोस की बात यह है कि सभी मामलों में संयुक्त राष्ट्र ने मदद करने की कोशिश भी नहीं की। मैंने सात युद्ध खत्म किए, इन सभी देशों के नेताओं से बात की, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने डील फाइनल करने में मदद करने के लिए एक बार भी फोन नहीं किया।'
उन्होंने आगे कहा, 'संयुक्त राष्ट्र से मुझे सिर्फ एक एस्केलेटर मिला जो ऊपर जाते समय बीच में ही रुक गया। अगर फर्स्ट लेडी अच्छी हालत में नहीं होती तो वह गिर जाती, लेकिन वह ठीक है। हम दोनों ठीक हैं। और एक टेलीप्रॉम्प्टर जो काम नहीं कर रहा था। ये दो चीजें थीं जो मुझे संयुक्त राष्ट्र से मिलीं... मुझे एहसास हुआ कि संयुक्त राष्ट्र हमारी मदद के लिए नहीं था। वे वहां नहीं थे। मैंने यह बात बाद में सोची, इन मुश्किल बातचीत के दौरान नहीं। ऐसे में, संयुक्त राष्ट्र का क्या मकसद है? संयुक्त राष्ट्र में बहुत क्षमता है। लेकिन वह अपनी क्षमता का ज़्यादातर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है।'
यूक्रेन युद्ध के लिए भारत-चीन को घेरा
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'चीन और भारत रूस से तेल खरीदकर इस युद्ध को जारी रखने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन, यह बहुत गलत है कि नाटो देशों ने भी रूस से ऊर्जा और ऊर्जा उत्पादों की खरीद बंद नहीं की है। जैसा कि आप जानते हैं, मुझे यह दो हफ्ते पहले पता चला और मुझे यह अच्छा नहीं लगा। वे अपने ही खिलाफ चल रहे युद्ध को फंड कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'ऐसा कभी सुना है किसी ने? अगर रूस युद्ध खत्म करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता है, तो अमेरिका बहुत कड़े टैरिफ लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिससे मुझे लगता है कि खून-खराबा बहुत जल्दी बंद हो जाएगा। इन टैरिफ को असरदार बनाने के लिए, यूरोपीय देश, जो अभी यहां मौजूद हैं, हमें भी वही कदम उठाने होंगे।'
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