'खोई जमीन वापस ले सकता है यूक्रेन', जेलेंस्की से मुलाकात के बाद ट्रंप ने रूस को बताया कागजी शेर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का मानना है कि यूक्रेन यूरोपीय संघ और नाटो के समर्थन से रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों को वापस जीत सकता है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ न्यूयॉर्क में बैठक के बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल प्लेटफार्म पर कहा कि वह नाटो को हथियार देना जारी रखेंगे जिससे नाटो उनके साथ अपनी इच्छानुसार व्यवहार कर सके।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उनका मानना है कि यूक्रेन, यूरोपीय संघ और नाटो के समर्थन से, रूस की ओर से आक्रमण के बाद से कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों को वापस जीत सकता है।
न्यूयार्क में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफार्म पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह नाटो को हथियार देना जारी रखेंगे ताकि नाटो उनके साथ जो चाहे कर सके।
'अगर रूस में दम होता तो जंग एक हफ्ते में खत्म होती'
यूरोप और नाटो के सहयोग से यूक्रेन युद्ध से पहले वाली सरहदें वापस पा सकता है, क्योंकि रूस की अर्थव्यवस्था दबाव में है। रूस कागजी शेर है। रूस पिछले साढ़े तीन साल से युद्ध में फंसा हुआ है, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सका। अगर रूस असली सैन्य ताकत होता तो यह युद्ध एक हफ्ते में खत्म हो जाना चाहिए था।
ट्रम्प ने बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए अपने भाषण में यूरोपीय देशों से अपील की कि वे रूस से तेल-गैस खरीदना पूरी तरह बंद करें। उन्होंने कहा कि NATO देश खुद ही युद्ध को फंड कर रहे हैं।
'भारत-चीन तो खरीद ही रहे, लेकिन नाटो देश भी...'
ट्रंप ने नाटो देशों और यूरोप को रूस के साथ व्यापार करने पर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, "क्या ऐसा किसी ने सुना है कि आप अपने दुश्मन से ही तेल-गैस खरीदकर उसको जंग में मजबूत बना दें? भारत और चीन तो रूस का तेल खरीद ही रहे हैं लेकिन नाटो भी अब रूस का तेल और गैस खरीद रहा है। इससे रूस के अर्थव्यवस्था को ताकत मिल रही है।"
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