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    डोनाल्ड ट्रंप का एक और चौंकाने वाला फैसला, प्रवासी बच्चों के लिए इमिग्रेशन कोर्ट में कानूनी सहायता की बंद

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 11:30 PM (IST)

    अकेशिया सेंटर फॉर जस्टिस संघीय अनुबंध के तहत 26000 प्रवासी बच्चों को मदद पहुंचाता है। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को अकेले प्रवासी बच्चों के लिए इमिग्रेशन कोर्ट में कानूनी सहायता बंद करने का फैसला लिया है। सेंटर फार जेंडर एंड रिफ्यूजी स्टडीज में प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता की निदेशक ने कहा कि एक बच्चे से इमिग्रेशन कोर्ट में खुद का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद करना बेतुका और अन्यायपूर्ण है।

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    प्रशासन ने कानूनी सेवा प्रदाताओं को अपना काम बंद करने का आदेश दिया है (फोटो: रॉयटर्स)

    एपी, वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को अकेले प्रवासी बच्चों के लिए इमिग्रेशन कोर्ट में कानूनी सहायता बंद करने का फैसला लिया है। यह उन लोगों के लिए झटका है, जो वकील का खर्च नहीं उठा सकते।

    प्रशासन ने इन बच्चों की सहायता करने वाले कानूनी सेवा प्रदाताओं को अपना काम बंद करने का आदेश दिया है। आंतरिक विभाग ने इसके पीछे कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। रोक अगले नोटिस तक प्रभावी रहेगी।

    85 संगठनों का है नेटवर्क

    अकेशिया सेंटर फॉर जस्टिस का कहना है कि वह संघीय अनुबंध के तहत 26,000 प्रवासी बच्चों को मदद पहुंचाता है। देश भर में 85 संगठनों के नेटवर्क के माध्यम से कानूनी सहायता कार्यक्रम चलाता है, जो 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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    यह रोक न्याय विभाग द्वारा निर्वासन का सामना कर रहे लोगों को कानूनी जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए समर्थन बंद करने के तुरंत बाद आई है। हालांकि, समूहों द्वारा मुकदमा दायर किए जाने के बाद फंडिंग बहाल कर दी गई थी।

    200 मिलियन डॉलर के अनुबंध पर रोक

    • निर्वासन के खिलाफ लड़ने वाले लोग अपने खर्च पर वकील नियुक्त कर सकते हैं। बच्चों का प्रतिनिधित्व करने के लिए संघीय समर्थन पर भरोसा करने वाले समूहों ने कहा कि 200 मिलियन डॉलर के अनुबंध पर रोक के फैसले के तहत सबसे कमजोर लोगों को अधिक नुकसान होगा।
    • सेंटर फार जेंडर एंड रिफ्यूजी स्टडीज में प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता की निदेशक क्रिस्टीन लिन ने कहा कि एक बच्चे से इमिग्रेशन कोर्ट में खुद का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद करना बेतुका और अन्यायपूर्ण है।

    भारत को दिए फंड पर उठाए सवाल

    उधर डोनाल्ड ट्रंप ने 'भारत में मतदान' बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर से 2.1 करोड़ डॉलर की सहायता दिए जाने पर भी सवाल उठाया है। ट्रंप ने अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफीशियंसी (डीओजीई) के भारत को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए जाने वाली सहायता को रद करने का समर्थन करते हुए कहा कि भारत के पास बहुत पैसा है।

    ट्रंप ने कहा कि फिर हम भारत को 2.1 करोड़ डॉलर की रकम क्यों दे रहे हैं? हमारे लिए वह विश्व का सबसे अधिक कर लगाने वाला देश है। उनके टैरिफ (कर) इतने अधिक हैं कि हम उनके देश में कदम भी नहीं रख पा रहे हैं।

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