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    G7 Summit 2025: डोनाल्ड ट्रंप ने बीच में ही छोड़ा जी-7 सम्मेलन, पीएम मोदी से नहीं होगी मुलाकात; जानें वजह

    कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में ही अमेरिका लौट गए जिससे सबको हैरानी हुई। उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार योजनाओं को छोड़ने की चेतावनी दी और कहा कि इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने रूस को फिर से शामिल करने का सुझाव दिया और चीन को भी शामिल करने की बात कही।

    By Chandan Kumar Edited By: Chandan Kumar Updated: Tue, 17 Jun 2025 09:28 AM (IST)
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    जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए।

    एपी, कनानास्किस। कनाडा में चल रहे जी-7 सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबको चौंका दिया। दरअसल वह बीच में ही सम्मेलन छोड़कर अमेरिका लौट गए। उन्होंने ऐसा तब किया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है।

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    जी-7 समिट के दौरान ट्रंप ने ग्रुप की अहमियत को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2014 में रूस को जी-7 से निकालना गलत था, जिससे दुनिया अस्थिर हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन को जी-7 में शामिल करना चाहिए।

    पीएम मोदी ने नहीं हो सकी मुलाकात

    जी-7 में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी कनाडा पहुंचे हैं। इस साल जी-7 की मेजबानी कनाडा कर रहा है। बता दें पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात नहीं हो सकी क्योंकि पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही ट्रंप अमेरिका के लिए रवाना हो चुके थे।

    ईरान को ट्रंप की चेतावनी

    ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि उसे तुरंत अपनी परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा छोड़ देनी चाहिए, वरना हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने तेहरान को फौरन खाली करने की सलाह भी दी।

    ट्रंप ने ट्रूथ अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "ईरान को अपनी परमाणु योजनाओं पर लगाम लगानी होगी, वरना बहुत देर हो जाएगी।" उन्होंने यह भी जिक्र किया कि ईरानी नेता बातचीत करना चाहते हैं मगर पिछले 60 दिनों में कोई समझौता नहीं हो सका, जिसके बाद इजरायल ने चार दिन पहले ईरान पर हवाई हमले शुरू किए।

    जमीन के नीचे बना है ईरान का न्यूक्लियर फैसिलिटी

    इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है, मगर ईरान का फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र अभी भी बचा हुआ है। यह केंद्र जमीन के बहुत नीचे बना है, जिसे तबाह करने के लिए इजरायल को अमेरिका की 30,000 पाउंड की जीबीयू-57 मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बम की जरूरत पड़ सकती है। यह बम बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से दागा जाता है, जो इजरायल के पास नहीं है।

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