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    क्‍या आप जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी जेल के बारे में ? इसमें रखे जाते थे दुनिया के खूंखार आतंकवादी

    यह दुनिया की सबसे महंगी जेल है। एक अमेरिकी रिपोर्ट मुताबिक इस जेल में हर कैदी पर सलाना 9 लाख डॉलर यानी 5.6 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इतना ही नहीं पेंटागन इसके रखरखाव पर हर साल करीब 9 अरब रुपये से ज्‍यादा खर्च करता है।

    By Ramesh MishraEdited By: Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:52 PM (IST)
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    दुनिया की सबसे महंगी ग्‍वांतानामो बे जेल पर लटका ताला। फाइल फोटो।

    नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। दुनिया की सबसे महंगी ग्‍वांतानामो बे जेल एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। अमेरिकी निजाम में बदलाव के साथ अक्‍सर यह जेल सुर्खियों में होती है। पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने पदभार ग्रहण करने के बाद जेल की औपचारिक समीक्षा शुरू की थी। उस वक्‍त बाइडन प्रशासन ने संकेत दिया था कि जेल बंद करने को लेकर वह गंभीरता से विचार कर रहा है। इसमें आगे कहा गया था कि राष्‍ट्रपति बाइडन का लक्ष्‍य अपना कार्यकाल समाप्‍त होने के पूर्व इसे बंद करना है। अमेरिका ने ग्वांतानामो बे जेल की एक सीक्रेट यूनिट (कैंप-7) को बंद कर दिया है। यहां सजा काट रहे कैदियों को क्यूबा में एक अन्य अमेरिकी बेस पर स्थित जेल में भेज दिया गया है। यह जानकारी अमेरिकी सेना ने दी है। बता दें कि कैंप-7 को बेहद ही गुप्त कैदखाना माना जाता है। आखिर दुनिया की सबसे महंगी जेल की क्‍या खूबियां हैं।

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    एक कैदी पर खर्च होता था सलाना  5.6 करोड़ रुपये

    यह दुनिया की सबसे महंगी जेल है। एक अमेरिकी रिपोर्ट मुताबिक इस जेल में हर कैदी पर सलाना 9 लाख डॉलर यानी 5.6 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इतना ही नहीं पेंटागन इसके रखरखाव पर हर साल करीब 9 अरब रुपये से ज्‍यादा खर्च करता है। कोरोना महामारी के बाद यह कहा जा रहा था कि यदि बाइडन इस जेल को बंद करने का फैसला लेते हैं तो अमेरिका के लिए यह फायदे का सौदा होगा। अमेरिका को एक लाभ यह भी मिलेगा कि उसे मानवाधिकार के उल्‍लंघन के आरोपों से मुक्ति मिल जाएगी। दरअसल, इस जेल में कैद‍ियों को काफी यातनाएं दी जाती थीं। दूसरे यहां कैदी काफी लंबे समय से बंद थे। इसके अलावा कोरोना महामारी के चलते अमेरिकी अर्थव्‍यस्‍था को पटरी पर लाया जा सकेगा।

    वर्ष 2001 में अस्तित्‍व में आई ग्‍वांतानामो बे जेल

    बता दें कि अमेरिका में 11 स‍ितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के बाद तत्‍कालीन बुश प्रशासन ने अफगानिस्‍तान और इराक के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों से सैकड़ों संदिग्‍ध आतंकवादियों को पकड़कर क्‍यूबा स्थित अमेरिका जेल ग्‍वांतानामो बे में बंद कर रखा है। वर्ष 2002 में क्‍यूबा स्थित अमेरिकी सैनिक अड्डे  जेल में बंद कैदियों की तस्‍वीरें पहली बार उजागर हुई थी। इनमें कैदियों को बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। इस जेल में अधिकतर वे कैदी हैं, जिन्‍हें अमेरिकी सरकार आतंकवादी नेता घोषित कर चुकी है। तस्‍वीरों के सामने आने के बाद दुनियाभर में इसकी कठोर निंदा हुई थी। इंटरनेशनल और रेड क्रॉस ने इन कैदियों से मानवीय व्यवहार की मांग की थी।

    बाइडन के पूर्ववर्ती ट्रंप जेल को लेकर उदासीन रहे 

    पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस जेल की ओर ध्‍यान नहीं दिया। उनके कार्यकाल में इस जेल में पांच कैदी थे। हालांकि ट्रंप के पद ग्रहण करने के पूर्व यह उम्‍मीद की जा रही थी कि इन्‍हें रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन बाद में यह योजना अधर में लटक गई थी। ट्रंप ने इस जेल को बंद करने की कोई इच्छा नहीं व्‍यक्‍त की थी। अभी भी सैन्‍य आयोग के समक्ष सात कैदियों के मामले लंबित हैं। इसमें पांच आरोपी 11 हमलों के योजना के लिए दोषी हैं। इसके अतिरिक्‍त दो कैदी हैं, जिन्‍हें सैन्‍य आयोग ने दोषी ठहराया है। तीन को 2002 के बाली बम विस्‍फोट के संभावित अभियोजन का सामना करना पड़ा था।

    पूर्व राष्‍ट्रपति ओबामा ने भी जेल को बंद करने का लिया था संकल्‍प

    अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ग्‍वांतानामो बे जेल को दुनिया का सबसे महंगी जेल कहा था। राष्‍ट्रपति पद ग्रहण करने के बाद ओबामा ने इसे बंद करने की इच्‍छा जाहिर की थी। ओबामा ने कहा था कि वह अपने कार्यकाल में इस जेल को बंद करने का प्रस्‍ताव कांग्रेस में रखेंगे। ओबामा ने यहां तक कहा था कि यदि कांग्रेस ने इसकी मंजूरी नहीं दी तो वह अपने वीटो पॉवर का इस्‍तेमाल करेंगे। हालांकि, पूर्व राष्‍ट्रपति ओबामा का यह संकल्‍प अधूरा ही रहा। उनके कार्यकाल में जेल पर ताला नहीं लटक सका।