ट्रंप की तानाशाही के खिलाफ पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन, वाशिंगटन में यूएस कैपिटल की तरफ बढ़ी भीड़
अमेरिका में हर तरफ राष्ट्रपति डोनाल्डट्रंप के विरोध में रैलियां आयोजित की जा रही हैं। ट्रंप की तानाशाह प्रवृत्ति और लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों को देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने इस रैली को 'नोकिंग' प्रदर्शन नाम दिया है। शनिवार को वाशिंगटन, न्यूयॉर्कसिटी, बोस्टन, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन आदि में शहरों करीब 2600 से अधिक रैलियों बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए।

समूचे अमेरिका में ट्रंप विरोधी रैली में उमड़ी भीड़ (फोटो- एक्स)
रॉयटर, वाशिगटन। अमेरिका में हर तरफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विरोध में रैलियां आयोजित की जा रही हैं। ट्रंप की तानाशाह प्रवृत्ति और लोकतंत्र विरोधी गतिविधियों को देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने इस रैली को 'नो किंग' प्रदर्शन नाम दिया है।
समूचे अमेरिका में ट्रंप विरोधी रैली में उमड़ी भीड़
शनिवार को वाशिंगटन, न्यूयॉर्क सिटी, बोस्टन, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन आदि में शहरों करीब 2600 से अधिक रैलियों बड़ी तादाद में लोग शामिल हुए। रैलियों में लाखों लोगों के उमड़ने की उम्मीद की जा रही है।
बाहरी देशों की राजधानियों में भी प्रदर्शन की योजना
ट्रंप के विरोध में अमेरिका ही नहीं, कुछ बाहरी देशों की राजधानियों में भी प्रदर्शन की योजना है। इससे पहले जून में 'नो किंग' प्रदर्शन हुए थे। ये रैलियां ट्रंप प्रशासन द्वारा राष्ट्रपति के अनुमानित राजनीतिक विरोधियों पर आपराधिक मुकदमों, देशव्यापी आव्रजन छापों और अमेरिकी शहरों में नेशनल गार्ड भेजने के खिलाफ आयोजित की जा रही हैं।
भीड़ को यूएस कैपिटल की तरफ बढ़ रही
वाशिंगटन में प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ को यूएस कैपिटल की तरफ झंडे बैनर और गुब्बारे लेकर जाते देखा गया। लोगों ने खुद और अपने कुत्तों को तरह-तरह की पोशाकें पहना रखी थीं। बैनर पर लिखा था- ट्रंप पर फिर से महाभियोग चलाओ।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम लोकतंत्र के समर्थन में हैं और जो उचित है उसके लिए लड़ने को तैयार हैं। हम अधिकारों की अत्यधिक पहुंच के खिलाफ हैं।
डाउनटाउन ह्यूस्टन में एक पूर्व अमेरिकी मरीन कार्प्स फौजी डैनियल गामेज ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि देश किस दिशा में जा रहा है। गामेज इराक, अफगानिस्तान और सीरिया में सेवाएं दे चुके हैं।
ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन प्रवर्तन को बढ़ा दिया है
दस महीने पहले ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से, उनके प्रशासन ने आव्रजन प्रवर्तन को बढ़ा दिया है, संघीय कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है और गाजा में इजरायल के युद्ध के खिलाफ फलस्तीनी समर्थक विरोध प्रदर्शनों, जातीय और नस्लीय विविधता और ट्रांसजेंडर एथलीटों जैसे कैंपस विवादों को लेकर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों को मिलने वाले अनुदान में कटौती की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।