Covid-19: स्पर्शोन्मुख गर्भवती महिलाओं के लिए टेस्टिंग महत्वपूर्ण, कमजोर इम्यून वालों पर अधिक खतरा
कोविड-19 के खतरा सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को ही है। ऐसे में स्पर्शोन्मुख गर्भवती महिलाओं के लिए टेस्टिंग काफी महत्वपूर्ण है।
न्यूयार्क, आइएएनएस। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर हमला बोलने वाले नॉवेल कोरोना वायरस का खतरा सबसे पहले बुजुर्गों, बच्चों के अलावा गर्भवती महिलाओं पर है। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि स्पर्शोन्मुख (asymptomatic) गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टेस्टिंग महत्वपूर्ण है। बृहन्मुंबई ने मामलों की संवेदनशीलता को देखते हुए हाल में ही गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है।
6 माह से दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण है। गर्भवती महिलाएं और गर्भस्थ शिशु पर अध्ययन जारी है। इन अध्ययनों के बाद आने वाले परिणामों के अनुसार, गर्भवती महिला के संक्रमित होने की आशंका सामान्य महिलाओं से अधिक है। उनकी प्रतिरोधक क्षमता हार्मोनल बदलाव के कारण कमजोर होती है। हालांकि कुछ शोधों के अनुसार, गर्भवती महिला के कोरोना वायरस संक्रमित होने पर गर्भस्थ शिशु संक्रमित नहीं होते हैं। गर्भवती महिला के संक्रमित होने से गर्भस्थ शिशु का वजन कम हो सकता है, समय पूर्व प्रसव हो सकता है, गर्भस्थ शिशु में विकृति भी हो सकती है।
18 दिनों में मास जनरल ब्रिघम हेल्थ ( Mass General Brigham Health) से संबद्ध चार बड़े अस्पतालों में यूनिवर्सल टेस्टिंग हुई जिसमें 757 महिलाओं की जांच की गई। इनमें से 139 में कोविड-19 के लक्षण पाए गए । लक्षण वाली महिलाओं में 7.9 फीसद महिलाएं संक्रमित पाई गई। इनमें यह SARS-CoV-2 वायरस मौजूद था जिसके कारण कोविड-19 बीमारी होती है। पॉजिटिव स्पर्शोन्मुख महिलाओं में अस्पताल में भर्ती के दौरान भी कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखे। इन सभी महिलाओं ने जिन बच्चों को जन्म दिया वे सभी टेस्ट में निगेटिव पाए गए।
मैसाचुसेट्स में शारीरिक दूरी के आदेशों के बाद लेबर व डिलिवरी यूनिटों में टेस्टिंग की प्रक्रिया पिछले 30 दिनों से चालू है। भारत में अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है लेकिन 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कॉमरेडिटी वाले, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को घर पर रहने की सलाह दी गई है।
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