'पत्नी उषा और बच्चों को वापस भेजो...' अमेरिकी उपराष्ट्रपति के बयान पर फिर बवाल, यूजर्स ने परिवार को लपेटा
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के माइग्रेशन पर दिए बयान के बाद सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। यूजर्स ने वेंस पर जेनोफोबिक होने का आरोप लगाया और उनक ...और पढ़ें

वेंस के बयान पर सोशल मीडिया पर बवाल ।फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक बयान से सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया है। दरअसल उन्होंने कहा कि 'बड़े पैमाने पर माइग्रेशन अमेरिकन ड्रीम की चोरी है।
इस बयान के बाद वेंस पर दोहरा रवैया अपनाने और जेनोफोबिक होने के आरोप लगाए गये। इसी के साथ उनकी पत्नी को वापस भारत भेजने की मांग भी उठने लगी। उन्होंने X पर लिखा, 'बड़े पैमाने पर माइग्रेशन अमेरिकी ड्रीम की चोरी है।'
वेंस के बयान पर सोशल मीडिया पर बवाल
उनका ये पोस्ट लुइसियाना की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक के वीडियो के जवाब में आया था। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि जब से US इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने राज्य में ऑपरेशन शुरू किया है, तब से उसने बहुत बड़ा बदलाव देखा है।
उन्होंने कहा, 'कोई भी इमिग्रेंट काम पर नहीं जाना चाहता और यह बहुत कमाल की बात है। मुझे पिछले 3 महीनों में जितने कॉल आए, उससे ज्यादा पिछले हफ्ते आए हैं।'
पत्नी उषा को वापस भेजने की मांग
वेंस के कमेंट के बाद सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़ आ गई। इसमें से अधिकांश यूजर्स ने उनके परिवार पर जमकर निशाना साधा। बता दें वेंस की शादी उषा वेंस से हुई है। उषा भारतीय इमिग्रेंट्स की अमेरिका में जन्मी बेटी हैं। उनके तीन बच्चे, दो बेटे, इवान और विवेक, और एक बेटी, मिराबेल है।
एक यूजर ने लिखा, 'रुको, क्या तुम्हारी पत्नी किसी इमिग्रेंट परिवार से इंडियन नहीं है?' दूसरे ने कहा, 'इसका मतलब है कि आपको उषा, उनके इंडियन परिवार और अपने बच्चों को वापस इंडिया भेजना होगा। जब आप प्लेन टिकट खरीदो तो हमें बताना।' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'तुम्हारी पत्नी और बच्चे अमेरिकन ड्रीम चुरा रहे हैं।'
विवादों से पुराना नाता
इससे पहले वेंस के एक और बयान से हंगामा मचा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकियों को उन पड़ोसियों को पसंद करना चाहिए जो उनकी रेस, भाषा या स्किन कलर से मिलते-जुलते हों।
प्रिंसटन के इतिहासकार केविन क्रूस ने उनके कमेंट्स पर जवाब देते हुए कहा था कि यह बिल्कुल वही तर्क है और वही भाषा है जिसका इस्तेमाल अलगाववादियों यह तर्क देते हुए कहते हैं कि गोरे लोगों को उन लोगों के बगल में न रहने का अधिकारहै जो उनसे अलग हैं।
Mass migration is theft of the American Dream. It has always been this way, and every position paper, think tank piece, and econometric study suggesting otherwise is paid for by the people getting rich off of the old system. https://t.co/O4sv8oxPVO
— JD Vance (@JDVance) December 7, 2025

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