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    ट्रंप-जेडी वैंस में बातचीत की चीन करा रहा था जासूसी! ड्रैगन के रैकेट का भंडाफोड़; बाइडन सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

    China spying US Officials चीनी हैकर्स अमेरिका के अधिकारियों को निशाना बना रहे थे जिसका अब बाइडन सरकार ने भंडाफोड़ किया है। खुलासा हुआ है कि एक चीनी कंपनी और एक व्यक्ति इसमें शामिल थे जो कथित तौर पर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों को निशाना बनाकर हैकिंग को अंजाम दे रहे थे। यहां तक की ट्रंप की फोन टैपिंग तक करने की कोशिश हुई।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 18 Jan 2025 05:15 PM (IST)
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    China spying US Officials अमेरिकी सरकार का चीन पर बड़ा एक्शन। (फाइल फोटो)

    एजेंसी, वाशिंगटन। China spying US Officials बाइडन सरकार ने देश में बड़े पैमाने पर चल रहे चीनी साइबर जासूसी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस भंडाफोड़ में खुलासा हुआ है कि एक चीनी कंपनी और एक व्यक्ति इसमें शामिल थे, जो कथित तौर पर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों को निशाना बनाकर हैकिंग को अंजाम दे रहे थे। 

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    अब दोनों पर बैन लगा दिया गया है। ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं जब ट्रंप ने कहा कि शुक्रवार को उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ 'बहुत अच्छी' फोन वार्ता हुई।

    लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं बनाया जा रहा था निशाना

    वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि हैकिंग के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को निशाना बनाया जाना था। अमेरिकी नेटवर्क से संवेदनशील खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही थी, जिसपर अमेरिकी सरकार ने एक्शन लिया।

    चीनी कंपनी पर बैन, ट्रंप के फोन को कर रहे थे हैक

    बाइडन सरकार ने इस मामले में एक चीनी टेक कंपनी पर प्रतिबंध लगाया है। ये कंपनी अमेरिकी दूरसंचार दिग्गजों की व्यापक रूप से हैकिंग में शामिल थी। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और वरिष्ठ अधिकारियों की फोन पर बातचीत तक को निशाना बनाया था।

    ट्रेजरी के हैक में शामिल व्यक्ति पर बैन

    ट्रेजरी ने शंघाई के एक व्यक्ति पर भी बैन लगाया है, जो ट्रेजरी के हैक में कथित रूप से शामिल था, जिसका खुलासा पिछले महीने हुआ था। मामले से परिचित एक सूत्र ने सीएनएन को बताया कि हैकर्स ने खुफिया जानकारी जुटाने के प्रयास के तहत ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन और उनकी डिप्टी वैली एडेमो से जुड़ी जानकारी को निशाना बनाया था। 

    इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि उन्होंने अमेरिकी सरकार के उस कार्यालय में भी सेंध लगाई थी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों के लिए विदेशी निवेशों की समीक्षा करता है।