Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंटरपोल के साथ 'ऑपरेशन हैच-सिक्स' में सीबीआई ने की आठ साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 10:59 PM (IST)

    सीबीआई ने इंटरपोल के ऑपरेशन हैच-छह के तहत आठ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह वैश्विक अभियान जिसमें 40 देशों ने भाग लिया फिशिंग ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे साइबर अपराधों पर केंद्रित था। सीबीआई और इंटरपोल ने बंगाल से पंजाब तक छापेमारी की जिससे नाबालिगों को निशाना बनाने वाले डिजिटल अपराध के अड्डे उजागर हुए।

    Hero Image
    सीबीआई ने की आठ साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीबीआइ ने इंटरपोल के आपरेशन 'हैच-छह' के तहत मई से अगस्त के बीच अपनी लक्षित कार्रवाई के दौरान विभिन्न गिरोहों से आठ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस वैश्विक अभियान में 40 देशों की भागीदारी देखी गई, जिसने फिशिंग, आनलाइन सेक्सटार्शन, रोमांस स्कैम, निवेश धोखाधड़ी और अवैध जुए के नेटवर्क से जुड़े मनी लान्डि्रंग जैसे सात जटिल श्रेणियों के साइबर अपराधों को लक्षित किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआइ और इंटरपोल ने बंगाल से पंजाब तक विभिन्न राज्यों में उच्च प्रभाव वाली छापेमारी की, जिससे ऐसे डिजिटल अपराध के अड्डों का पता चला है जो नाबालिगों और विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहे थे।

    इंटरपोल के साथ सीबीआई का 'ऑपरेशन हैच-सिक्स'

    सीबीआइ प्रवक्ता ने बताया, ''आपरेशन 'हैच-छह' के दौरान सीबीआइ के अंतरराष्ट्रीय संचालन प्रभाग ने एफबीआइ, अमेरिकी न्याय विभाग और जर्मन अधिकारियों के साथ निकट समन्वय किया, आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया और 45 संदिग्धों की पहचान की जो अंतरराष्ट्रीय साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों में लिप्त थे और लड़कियों को आनलाइन यौन अपराधों का शिकार बना रहे थे। अपराधियों से 66,340 अमेरिकी डालर की नकद राशि बरामद की गई और अपराध में शामिल 30 बैंक खातों को बाद में ब्लाक कर दिया गया।

    केंद्रीय एजेंसी ने दो प्रमुख अवैध काल सेंटरों को ध्वस्त किया (एक नई दिल्ली और अमृतसर में और दूसरा सिलीगुड़ी, दार्जि¨लग में) जो अमेरिकी और जर्मन नागरिकों से तकनीकी सहायता एजेंटों के रूप में धोखाधड़ी कर रहे थे। एजेंसी ने अब तक आपरेशन 'हैच' के सभी छह संस्करणों में भाग लिया है।सीबीआइ ने एफबीआइ द्वारा साझा की गई परिचालन खुफिया के आधार पर इस आपरेशन के दौरान दो आरोपितों को गिरफ्तार किया, जो ''अमेरिका में नाबालिग लड़कियों को इंटरनेट मीडिया के जरिये मजबूर करने'' का काम कर रहे थे और उन्हें यौन स्पष्ट सामग्री साझा करने के लिए दबाव डाल रहे थे।

    342 मिलियन अमेरिकी डालर की वसूली हुई

    ब्यूरो ने ऐसे ¨सडिकेटों को उजागर करने और समाप्त करने के लिए इंटरपोल और सहयोगी एजेंसियों के साथ निरंतर सहयोग का वादा किया है। फोरेंसिक टीमें डिजिटल सुबूतों का विश्लेषण कर रही हैं और अंतरराष्ट्रीय अधिकारी भारतीय सीमाओं के बाहर सुरागों को तलाश रहे हैं। वैश्विक स्तर पर इंटरपोल ने 40 देशों और क्षेत्रों में इस अभियान का समन्वय किया।

    इसके परिणामस्वरूप सरकारी समर्थित मुद्राओं में 342 मिलियन अमेरिकी डालर की वसूली हुई जिसमें 97 मिलियन अमेरिकी डालर की भौतिक और आभासी संपत्तियां शामिल हैं। 68,000 संबंधित बैंक खातों को ब्लाक किया गया और 400 क्रिप्टोकरेंसी वालेट को फ्रीज किया गया। इंटरपोल के अनुसार 16 मिलियन डालर की संदिग्ध अवैध लाभ क्रिप्टोक्यूरेंसी वालेट से बरामद की गई।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)