Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'जो देश BRICS के साथ संबंध रखेगा उसपर मैं...', भारत से ट्रेड डील के बीच ये क्या बोल गए ट्रंप?

    ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणा पत्र में अमेरिका के शुल्कों की आलोचना की गई जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया। ट्रंप ने अमेरिका विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए 10% अतिरिक्त टैक्स की घोषणा की है। इससे अमेरिका और भारत के बीच कारोबारी समझौते की वार्ता में और भी मुश्किलें आ सकती हैं।

    By jaiprakash ranjan Edited By: Piyush Kumar Updated: Mon, 07 Jul 2025 08:29 PM (IST)
    Hero Image
    ब्रिक्स संगठन और अमेरिका के बीच शुल्कों को लेकर अनबन चल रही है।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ब्रिक्स संगठन और अमेरिका के बीच शुल्कों को लेकर अनबन अब खुल कर सामने आ गया है। रविवार देर रात (भारतीय समयानुसार) रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कई देशों पर मनमाने तरीके से लगाये शुल्क व कारोबारी बाधा खड़ी करने के कदम पर सीधा निशाना साधा गया और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स से जुड़े सभी देशों पर अमेरिकी विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए 10 फीसद अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान कर दिया। राष्ट्रपति ट्रंप इस घोषणा को नीति में बदलते हैं या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन इससे अमेरिका व भारत के बीच कारोबारी समझौते को लेकर चल रही वार्ता मे थोड़ा और पेंच आ गया है।

    राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, “कोई भी देश जो अमेरिका विरोधी नीतियों को लेकर ब्रिक्स के साथ संबंधित होता है, उन पर हम 10 फीसद का अतिरिक्त टैक्स लगाएंगे। इस नीति का कोई भी अपवाद नहीं होगा।''

    बीआईटी को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू

    इसी तरह के संदेश उन्होंने दो अप्रैल, 2025 को भी सोशल मीडिया के जरिए दे कर दुनिया के तमाम देशों के आयात पर अलग अलग अतिरिक्त शुल्क लगाने का संदेश दिया था। भारतीय आयात पर 26 फीसद का अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया गया।

    इसके बाद भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय निवेश समझौते (बीआइटी) को लेकर वार्ता की शुरुआत हुई है जो अभी तक जारी है। ऐसे में राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से ब्रिक्स संगठन से जुड़े देशों पर अतिरिक्त 10 फीसद शुल्क लगाने की घोषणा से स्थिति और उलझ गई है।

    अमेरिका के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों से होने वाली वार्ता में भारतीय वार्ताकारों को इस नये प्रस्ताव को लेकर भी बात करनी होगी। भारत अभी तक ट्रंप सरकार की तरफ से प्रस्तावित 26 फीसद शुल्क की दर को घटाने को लेकर बात कर रहे थे, अब उन्हें ब्रिक्स देशों पर लगाये जाने वाले अतिरिक्त शुल्क के समायोजन को लेकर भी बात करनी होगी।

    कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप को गुस्सा सिर्फ ब्रिक्स की तरफ से उनकी शुल्क नीति की आलोचना करने को लेकर ही नहीं बल्कि इस घोषणा पत्र में अमेरिका को चुभने वाले अन्य सभी मुद्दों पर खुल कर टिप्पणी की गई है। इसमें ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए हमले की निंदा की गई है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया गया है। इसमें गाजा पर इजरायल की तरफ से जारी हमले की ¨नदा की गई है।

    यही नहीं ब्रिक्स ने सदस्य देशों के बीच आपसी मुद्रा में कारोबार करने को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रूबियो पूर्व में कई बार यह कह चुके हैं कि ब्रिक्स संगठन डॉलर को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। इस संदर्भ में भारत पर भी आरोप लगाये गये हैं।

    भारत इस बात से इनकार करता रहा है कि ब्रिक्स का मकसद डॉलर को कमजोर करना है। लेकिन भारत अंतरराष्ट्रीय कारोबार में डॉलर की जगह वैकल्पिक मुद्रा के इस्तेमाल के खिलाफ भी नहीं है। यह ब्रिक्स घोषणा पत्र से भी पता चलता है।

    इसमें ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय लेन देन के लिए नये ढांचे बनाने, स्थानीय मुद्रा में लोन देने, ब्रिक्स देशों के बीच भुगतान के नये नेटवर्क को बनाने जैसे मुद्दों का जिक्र है। ब्रिक्स के बीच भुगतान व्यवस्था पर एक नई रिपोर्ट भी जारी की गई है।