Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'यह कोई धमकी नहीं', अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की शी चिनफिंग को चेतावनी; कहा- सावधान रहें

    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि बीजिंग की अर्थव्यवस्था कई मायनों में अमेरिका पर निर्भर है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीएनएन के फरीद जकारिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह कोई धमकी नहीं है। यह एक अवलोकन है। बाइडन का बयान ऐसे समय आया है जब ताइवान सहित कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।

    By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 09 Jul 2023 05:54 AM (IST)
    Hero Image
    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (फोटो: एपी)

    वॉशिंगटन, एएनआई। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को चेतावनी दी है और व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी मुलाकात के बाद पश्चिम द्वारा किए गए निवेश के बारे में सावधान रहने को कहा है।

    क्या कुछ बोले बाइडन?

    सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि बीजिंग की अर्थव्यवस्था कई मायनों में अमेरिका पर निर्भर है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीएनएन के फरीद जकारिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि यह कोई धमकी नहीं है। यह एक अवलोकन है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'चीन की अर्थव्यवस्था रूस और अमेरिका पर निर्भर'

    उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद 600 से अधिक अमेरिकी कंपनियां रूस से बाहर निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के निवेश पर निर्भर है। उन्हें सावधान रहने की जरूरत है।

    बाइडन का बयान ऐसे समय आया है, जब ताइवान सहित कई मुद्दों पर चीन और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। गौरतलब है कि मार्च में पुतिन और शी चिनफिंग के बीच बातचीत हुई थी। इस दौरान उन्होंने अपना सौहा‌र्द्र व्यक्त किया और पश्चिम की साझा निंदा की थी।

    यह पूछे जाने पर कि बाइडन की चेतावनी पर शी चिनफिंग पर क्या असर पड़ा? अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीएनएन से कहा कि उन्होंने मेरी बातों को गौर से सुना है। यदि आप ध्यान दें तो रूस की तरफ पूरी तरह उनका झुकाव नहीं है।

    बीजिंग दौरे पर अमेरिकी वित्त सचिव

    इस बीच अमेरिका के वित्त सचिव इस समय बीजिंग के दौरे पर हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के वित्त सचिव जेनेट येलेन को अमेरिका-चीन के बिगड़ते संबंधों को स्थिर करने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।