बुकर के शीर्ष छह दावेदारों में 'टांब आफ सैंड', यूपी के मैनपुरी में जन्मीं लेखिका गीतांजलि का यह पहला हिंदी उपन्यास
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मीं लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास टांब आफ सैंड बुकर पुरस्कार के शीर्ष छह दावेदारों में शामिल हो गया है। इस पुरस्कार के लिए शीर्ष दावेदारों में शुमार होने वाली यह हिंदी की पहली कृति है।

लंदन, पीटीआइ। लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास 'टांब आफ सैंड' गुरुवार को बुकर पुरस्कार के शीर्ष छह दावेदारों में शामिल हो गया। इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के शीर्ष दावेदारों में शामिल होने वाला यह हिंदी भाषा की पहली कृति है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मीं गीतांजलि की कृतियों का अंग्रेजी, फ्रांसीसी, जर्मन, साइबेरियन व कोरियन भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।
गीतांजलि का उपन्यास मूल रूप से हिंदी में 'रेत समाधि' के नाम से प्रकाशित हुआ था। अंग्रेजी अनुवाद 'टांब आफ सैंड' डेजी राकवेल ने किया है। जूरी सदस्यों ने इसे 'शानदार व अकाट्य उपन्यास' बताया है। अब उसकी 50,000 पाउंड (करीब 49.57 लाख रुपये) के साहित्यिक पुरस्कार के लिए पांच अन्य किताबों से प्रतिस्पर्धा होगी। पुरस्कार राशि लेखिका व अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी।
गीतांजलि ने एक बयान में कहा, 'बुकर एक बहुत ही खास तरह की मान्यता है। मैं इसका इंतजार कर रही थी.. यह मेरे लिए सुखद आश्चर्य और हमारे काम की मान्यता है। डेजी ने हमारे उपन्यास का बेहतरीन अनुवाद किया है।' 64 वर्षीय लेखिका ने कहा कि वह 26 मई को लंदन में आयोजित होने वाले पुरस्कार समारोह में हिस्सा ले सकती हैं।
लंदन पुस्तक मेले में घोषित अन्य पांच दावेदार किताबों में बोरा चुंग की 'कर्स्ड बनी' शामिल है, जिसे एंटोन हूर ने कोरियाई भाषा से अनुवाद किया है। जान फासे की 'ए न्यू नेम : सेप्टोलाजी छह-सात' भी इस दौड़ में है, जिसका नार्वेई भाषा से डेमियन सियर्स द्वारा अनुवाद किया गया है।
टक्कर देने वाली मीको कावाकामी की किताब 'हैवेन' को जापानी भाषा से सैमुअल बेट और डेविड बायड द्वारा अनुदित किया गया है। क्लाउडिया पिनेरो द्वारा लिखित 'एलेना नोज' का अनुवाद स्पेनिश से फ्रांसिस रिडल ने किया है। ओल्गा टोकार्जुक की 'द बुक्स आफ जैकब' का पोलिश भाषा से जेनिफर क्राफ्ट द्वारा अनुवाद किया गया है।
बुकर निर्णायक समिति का नेतृत्व करने वाले प्रथम अनुवादक फ्रैंक वेन ने कहा, 'अनुवाद एक अंतरंग व जटिल नृत्य की तरह है, जो सीमाओं, संस्कृतियों व भाषाओं को पार करता है। लेखक व अनुवादक की एक आदर्श जोड़ी बहुत मुश्किल से बनती है।'
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