काबुल को बर्बादी से बचाने को छोड़ना पड़ा देश : अशरफ गनी
अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबानियों से काबुल को बचाने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़ना पड़ गया। पूर्व राष्ट्रपति गनी ने कहा कि तालिबानी इतने हावी हो चुके थे कि सुरक्षाबल मेरी रक्षा ज्यादा देर तक नहीं कर सकते थे।

वाशिंगटन [न्यूयार्क टाइम्स]। अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने कहा कि तालिबानी लड़ाकों से काबुल को बर्बाद होने से बचाने के लिए वह देश छोड़ने को मजबूर हुए थे। देश छोड़ने के चार माह बाद अपने पहले इंटरव्यू में उन्होंने गुरुवार को यह बात कही। पूर्व राष्ट्रपति गनी ने कहा, 'मेरे लिए देश छोड़ना कठिन फैसला था। एक सलाहकार ने मुझे काबुल छोड़ने का फैसला लेने के लिए केवल कुछ मिनटों का ही समय दिया। हेलीकाप्टर में बैठने के बाद मुझे यह विश्वास नहीं हो रहा था कि देश में यह मेरा आखिरी दिन है। तालिबानी इतने हावी हो चुके थे कि सुरक्षाबल मेरी रक्षा ज्यादा देर तक नहीं कर सकते थे। तालिबानी दो तरफ से हमारी ओर बढ़ रहे थे। मैं समझ चुका था कि मेरी सुरक्षा में जुटे लोग भी तालिबान से नहीं बच सकेंगे। ऐसे में काबुल में भारी तबाही होती। 50 लाख का आबादी वाला शहर तबाह हो जाता।'
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति गनी भ्रष्ट लोगों की सूची में शामिल
आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की इस साल 2021 के भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी हुई है। इस सूची में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को भी शामिल किया गया है। दुनिया के सबसे भ्रष्ट लोगों की इस सूची में सबसे ऊपर बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको हैं। इस सूची में सीरिया के तानाशाह बशर अल असद, तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तैयप एर्दोगान और आस्ट्रेलिया के चांसलर सेबास्टियन कुर्ज भी शामिल हैं।
ओसीसीआरपी के मुताबिक, अशरफ गनी ने अपने लोगों को मौत से जूझने और भूख से मरने के लिए बिलखता छोड़ दिया था। ताकि वह चैन से अपने जैसे अन्य भ्रष्ट साथियों के साथ यूएई में रह सकें। संस्था के सह संस्थापक ड्रिव सुलेवन ने कहा कि छह पत्रकारों और विद्वानों के एक पैनल ने घानी को भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा पाया है।
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