'प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में भारत आज वैश्विक आर्थिकी को दे रहा है नया आकार', अमेरिका संस्थान ने भर-भरकर की तारीफ
सिनक्लेयर ब्राडकास्ट ग्रुप के मार्क ए. ऐटकेन ने भारत को एक कमजोर देश से वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति में बदलने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत अब 'संभावित क्षमता' से 'कार्यान्वयन' की ओर बढ़ रहा है और वैश्विक आर्थिकी को नया आकार दे रहा है। सैटेलाइट से लेकर सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष मिशनों तक, हर क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति दर्शाती है कि यह भारत का क्षण है।
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मार्क ऐटकेन बोले, मुझे विश्वास था भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के एक कमजोर देश से वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने की सराहना करते हुए प्रतिष्ठित अमेरिकी मीडिया संस्थान सिनक्लेयर ब्राडकास्ट ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मार्क ए. ऐटकेन ने कहा है कि देश अब 'संभावित क्षमता' से 'कार्यान्वयन' की ओर बढ़ रहा है और वैश्विक आर्थिकी को नया आकार दे रहा है।
आज भारत सिर्फ मंचासीन ही नहीं है, बल्कि वह इसकी पटकथा भी लिख रहा है। सैटेलाइट से लेकर सेमीकंडक्टर तक, सार्वजनिक प्लेटफार्मों से लेकर अंतरिक्ष मिशनों तक - हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति यह दर्शाती है कि यह भारत का क्षण है।
लिंक्डइन पर 'भारत का क्षण : एक बदलते राष्ट्र को श्रद्धांजलि' शीर्षक से लिखे अपने संक्षिप्त लेख में ऐटकेन ने हाल के वर्षों में भारत के विकास पर प्रकाश डाला है। उनके एक बयान में भारत के प्रसारण एवं डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के साथ दशकों पुराने उनके जुड़ाव की झलक मिलती है। उन्होंने कहा, ''वर्ष 1998 में मुझे यह विश्वास था कि भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा..और, 2025 में यह हो रहा है। ऐटकेन पहली बार 1998 में एक प्रौद्योगिकीविद् और ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी सम्मेलन में वक्ता के रूप में भारत आए थे। अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने एक ऐसे राष्ट्र को देखा जो ''संभावनाओं से भरपूर, उत्साही, संसाधन संपन्न और महत्वाकांक्षी'' था। ''
हालांकि, भारत बुनियादी ढांचे की कमियों और आर्थिक बाधाओं से जूझ रहा था, लेकिन मैंने वहां कुछ और भी देखा..और वो था - दृढ़ संकल्प। भारत न केवल प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर होने के लिए रफ्तार पकड़ रहा था, बल्कि वह लंबी छलांग लगाने की तैयारी भी कर रहा था।'' आज दो दशक बाद ऐटकेन कहते हैं कि भारत ने वास्तव में छलांग लगाई है और अब ऊंची उड़ान भर रहा है। उन्होंने डिजिटल कनेक्टिविटी, सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रसारण जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि देश विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए मार्गदर्शक बन गया है।
उन्होंने यूपीआइ-आधारित वित्तीय लेन-देन, स्वदेशी फोर-जी/फाइव-जी तकनीक और चंद्रयान मिशन जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, ''भारत केवल वैश्विक आर्थिकी में भाग नहीं ले रहा है, बल्कि इसे नया रूप भी दे रहा है।'' अमेरिकी मीडिया अधिकारी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा संसाधन जमीन में दबा या तिजोरियों में बंद नहीं है।
बल्कि, उसका सबसे महत्वपूर्ण संसाधन उसके लोग हैं। उन्होंने विश्व स्तरीय प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें आकार देने के लिए भारत की शिक्षा प्रणाली और उन प्रवासी भारतीयों को श्रेय दिया जो प्रमुख वैश्विक संस्थानों का नेतृत्व करते हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की नीतिगत दिशा को सराहा ऐटकेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की नीतिगत दिशा की भी प्रशंसा की और कहा कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे कार्यक्रम ''नारे'' नहीं, बल्कि ''रणनीति'' हैं, और इनके सकारात्मक नतीजे परिलक्षित हो रहे हैं।
पिछले आठ वर्षों में भारत के साथ अपने निरंतर जुड़ाव पर उन्होंने कहा कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डीटूएम) तकनीकों पर पीएम मोदी का काम सिर्फ नवाचार से कहीं बढ़कर है, यह मानवीय जुड़ाव का प्रतीक है। लोगों को एक साथ लाना ही राष्ट्र निर्माण का आधार है।
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