कौन है अनुराग बाजपेयी? न्यूयॉर्क में सेक्स कांड में फंसा भारतीय मूल का सीईओ, पुलिस ने किया गिरफ्तार
ग्रेडिएंट कंपनी के सीईओ और भारतीय मूल के अनुराग बाजपेयी को अमेरिका में हाई-एंड देह व्यापार रैकेट से जुड़ाव के आरोप में हिरासत में लिया गया है। उन पर एशियाई महिलाओं से जुड़ी सेवाओं के लिए भारी भुगतान करने का आरोप है। उनकी कंपनी ने उनका समर्थन किया है और न्याय प्रणाली में भरोसा जताया। बाजपेयी MIT से पीएचडी हैं और उनकी कंपनी 25 से अधिक देशों में कार्यरत है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के और क्लीन वॉटर स्टार्टअप ग्रेडिएंट (Gradiant) के सीईओ अनुराग बाजपेयी को एक गंभीर मामले में हिरासत में लिया गया है।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उन पर उच्च वर्ग के देह व्यापार से जुड़ी सेवाओं के लिए भुगतान करने का आरोप है। यह मामला साल 2025 की शुरुआत का है और इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला?
बोस्टन क्षेत्र की कोर्ट दस्तावेज़ों में दावा किया गया है कि बाजपेयी उन खास ग्राहकों के ग्रुप का हिस्सा थे जिसमें डॉक्टर, वकील, सरकारी अधिकारी और संविदा पर कार्य करने वाले लोग शामिल थे।
आरोप है कि इन लोगों ने सेक्स सेवाओं के लिए 600 डॉलर प्रति घंटा तक का भुगतान किया। यह भी कहा गया है कि ये महिलाएं, जिनमें से ज्यादातर एशियाई थीं कथित रूप से मानव तस्करी का शिकार थीं।
हालांकि कंपनी ग्रेडिएंट ने बाजपेयी पर लगे आरोपों के बावजूद उनके समर्थन में बयान जारी किया है। कंपनी ने कहा, "हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है और हमें विश्वास है कि यह मामला उचित ढंग से हल होगा। इसके बावजूद, ग्रेडिएंट अपनी तकनीकी नवाचार की राह पर कायम रहेगा और स्वच्छ जल की उपलब्धता के अपने मिशन को जारी रखेगा।"
अनुराग बाजपेयी कौन हैं?
- अनुराग बाजपेयी ग्रेडिएंट कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ हैं।
- यह कंपनी स्वच्छ जल के लिए जानी जाती है।
- उन्होंने MIT (Massachusetts Institute of Technology) से पीएचडी की है और वहीं से यह कंपनी एक स्पिनआउट के तौर पर शुरू हुई थी।
- ग्रेडिएंट अब 25 से अधिक देशों में कार्यरत है और इसकी सेवाएं 2,500 से ज्यादा उद्योगिक इकाइयों में मौजूद हैं।
शिक्षा और करियर
- अनुराग ने लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा ली।
- फिर यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी-कोलंबिया से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया।
- MIT से मास्टर्स और फिर 2012 में पीएचडी पूरी की।
- उनकी रिसर्च ने साइंटफिक अमेरिकन जैसी पत्रिका में जगह बनाई और उनके तकनीकी नवाचार को "दुनिया बदलने वाले टॉप 10 विचारों" में गिना गया।
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