NATO Plus: भारत को नाटो प्लस में शामिल करना चाहता है अमेरिका, डेमोक्रेट ने कहा- वाशिंगटन के हित में काटसा से भारत को छूट
NATO Plus अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है कि वाशिंगटन भारत को छठे सदस्य के रूप में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्लस में शामिल करना चाहता है। ऐसा होने पर भारत का झुकाव अमेरिका की तरफ बढ़ सकता है।
वाशिंगटन, एजेंसियां: अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा है कि वाशिंगटन भारत को छठे सदस्य के रूप में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) प्लस में शामिल करना चाहता है। ऐसा होने पर भारत का झुकाव अमेरिका की तरफ बढ़ सकता है। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेट सांसद खन्ना ने कहा कि नाटो सहयोगियों को रक्षा समझौतों पर त्वरित स्वीकृति मिलती है। आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, इजरायल व दक्षिण अफ्रीका के साथ अमेरिका ऐसे समझौते कर चुका है।
खन्ना ने कहा, मैंने भारत को नाटो प्लस के छठे सदस्य के रूप में जोड़ने की दिशा में प्रयास किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी मजबूत होगी। मैंने दो साल पूर्व इसकी पहल की थी और आगे भी काम जारी रखूंगा। उम्मीद है कि सीनेट में भी इससे जुड़ा विधेयक पारित हो जाएगा। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने 14 जुलाई को नेशनल डिफेंस अथाराइजेशन एक्ट (एनडीएए) में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित किया है।
प्रस्ताव में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने का प्रस्ताव है। खन्ना ने ही संसद में प्रस्ताव पेश किया है। अमेरिकी सांसद ने कहा कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट (काटसा) से भारत को राहत देना अमेरिका के हित में है और इससे दोनों देशों की रक्षा साझेदारी और गहरी होगी। रूस के साथ बड़ा रक्षा समझौता करने वाले देशों के खिलाफ अमेरिका काटसा के तहत प्रतिबंध लगाता है। भारतवंशी सांसद ने कहा, 'अमेरिका, भारत के साथ मजबूत रक्षा व रणनीति साझेदारी चाहता है। दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं। चीन तथा रूस के उभार के बीच दोनों देशों में साझेदारी काफी अहम हो जाती है।’
भारत के लिए चीनी खतरे के बारे में बात करते हुए, खन्ना ने कहा कि, आप भारत को उन खतरों के रूप में देखते हैं जिनका वे सीमा पर सामना करते हैं। आप जानते हैं कि सुरक्षा का सबसे बड़ा गारंटर संयुक्त राज्य अमेरिका रहा है। कुछ साल पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने उन सीमा झड़पों में भारत की सहायता की थी। इसलिए मेरे विचार में अमेरिका-भारत गठबंधन न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका के हित में है, बल्कि भारत के सुरक्षा हितों में भी है और संयुक्त राज्य अमेरिका अधिक विश्वसनीय होगा और एक मजबूत साथी होगा।