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    ईरान पर त्वरित कार्रवाई को लेकर इजरायल-अमेरिका में था मतभेद, जानिए ट्रंप ने अचानक क्यों कर दिया हमला

    By Jagran News NetworkEdited By: Swaraj Srivastava
    Updated: Sun, 22 Jun 2025 11:28 PM (IST)

    ट्रंप प्रशासन के बीच इस बात पर भी बहस चलती रही कि क्या अमेरिका को सीधे सैन्य कार्रवाई में शामिल होना चाहिए। दो स्त्रोतों के अनुसार इजरायल ने गुरुवार क ...और पढ़ें

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    ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए दो हफ्ते की मोहलत दी थी (फोटो: रॉयटर्स)

    रॉयटर्स, वाशिंगटन। लोग हैरान हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए दो हफ्ते की मोहलत दी थी, लेकिन एकाएक उसके दो दिन बाद ही ईरान के परमाणु ठिकानों पर भीषण बमबारी कर दी। इसकी वजह ट्रंप की समयसीमा से पहले ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का फोर्डो पर सैन्य कार्रवाई करने का संकेत देना था।

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    नेतन्याहू किसी भी कीमत पर रुकने के लिए तैयार नहीं थे। विगत गुरुवार को इजरायल और अमेरिका के बीच एक उच्च स्तरीय फोन कॉल हुई थी। इजरायली अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन को बताया है कि वे ईरान के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम के महत्वपूर्ण हिस्सों को समाप्त करने के लिए दो सप्ताह तक इंतजार नहीं करना चाहते हैं और इजरायल समय सीमा समाप्त होने से पहले अकेले कार्रवाई कर सकता है।

    ट्रंप प्रशासन के बीच भी चल रही थी बहस

    वहीं ट्रंप प्रशासन के बीच इस बात पर भी बहस चलती रही कि क्या अमेरिका को सीधे सैन्य कार्रवाई में शामिल होना चाहिए। दो स्त्रोतों के अनुसार इजरायल ने गुरुवार को ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया, जिसे उन्होंने तनावपूर्ण फोन कॉल के रूप में वर्णित किया। इजरायली अधिकारियों ने कहा कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गुरुवार को प्रस्तुत की गई दो सप्ताह की समय सीमा का इंतजार नहीं करना चाहते, जो यह तय करने के लिए थी कि अमेरिका इजरायल-ईरान युद्ध में शामिल होगा।

    एक सुरक्षा सूत्र के अनुसार फोन पर बात करने वालों में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज और सैन्य प्रमुख एयाल जामीर शामिल थे। इजरायली अधिकारियों का मानना है कि फोर्डो पर कार्रवाई करने का उनके पास सीमित अवसर है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण स्थल है।

    अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास बंकर-भेदी बम हैं, जो इस परमाणु केंद्र तक पहुंच सकते हैं। फोन के दौरान उप राष्ट्रपति जेडी वांस ने कहा था कि अमेरिका को सीधे शामिल नहीं होना चाहिए और सुझाव दिया कि इजरायली अमेरिका को युद्ध में खींचने जा रहे हैं। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ भी इस फोन काल में शामिल थे।

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