वायु प्रदूषण फेफड़ों ही नहीं किडनी के लिए भी घातक, पढे़ं अध्ययन में सामने आई बातें
अमेरिका की जोंस हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किडनी पर पड़ने वाले वायु प्रदूषण के प्रभाव को लेकर करीब 11 हजार वयस्कों पर कई साल तक अध्ययन किया।
वॉशिंगटन, एएनआइ। वायु प्रदूषण हमारी सेहत पर कई दुष्प्रभाव डालता है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि उच्च वायु प्रदूषण किडनी के लिए भी घातक हो सकता है। इससे किडनी रोग का खतरा बढ़ सकता है।
अमेरिका की जोंस हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किडनी पर पड़ने वाले वायु प्रदूषण के प्रभाव को लेकर करीब 11 हजार वयस्कों पर कई साल तक अध्ययन किया। हर महीने प्रतिभागियों में वायु प्रदूषण के सूक्ष्म कणों पार्टिक्युलेट मैटर (पीएम) के औसत स्तर का आकलन किया गया। पीएम की उत्पत्ति जीवाश्म ईधन और औद्योगिक प्रक्रियाओं जैसे स्रोतों से होती है। विस्तृत विश्लेषण के आधार पर शोधकर्ताओं ने उच्च स्तर पर पीएम का संबंध किडनी रोग के मार्कर से पाया। इससे आने वाले समय में किडनी रोग का खतरा बढ़ सकता है।
कम खाने से लंबी हो सकती है जिंदगी
अच्छे स्वास्थ्य में खानपान की अहम भूमिका होती है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि कम खाने से ना सिर्फ शरीर स्वस्थ रहेगा बल्कि जिंदगी लंबी भी हो सकती है।
सेल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अमेरिकी और चीनी वैज्ञानिकों ने चूहों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कैलोरी प्रतिबंधित आहार के कोशिकाओं पर पड़ने वाले प्रभाव पर गौर किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस तरह का आहार बुढ़ापे के प्रभाव से बचाव कर सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा, 'हम यह जानते हैं कि कैलोरी प्रतिबंधित आहार से जीवनकाल लंबा होता है, लेकिन अब हमने इसकी संभावनाओं को साबित कर दिखाया है।' बुढ़ापे में कैंसर, डिमेंशिया, डायबिटीज और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसे कई रोगों का खतरा रहता है। पशुओं पर किए गए अध्ययनों से यह साबित किया जा चुका है कि उम्र संबंधी बीमारियों की रोकथाम में कैलोरी प्रतिबंधित आहार प्रभावी हो सकता है।
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