एअर इंडिया प्लेन क्रैश: पीड़ित परिजनों ने बोइंग और हनीवेल के खिलाफ US में किया केस, क्या हैं आरोप?
एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए चार यात्रियों के परिजनों ने बोइंग और हनीवेल के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दायर किया है। परिजनों ने इस दुर्घटना के लिए कंपनी के दोषपूर्ण ईंधन कटऑफ स्विच को जिम्मेदार ठहराया है। 12 जून को उड़ान भरने के तुरंत बाद एअर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एअर इंडिया प्लेन क्रैश में मारे गए चार यात्रियों के परिजनों ने बोइंग और हनीवेल के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। परिजनों ने इस दुर्घटना के लिए कंपनी की वापरवाही और दोषपूर्ण ईंधन कटऑफ स्विच को जिम्मेदार ठहराया है। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाते समय उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद एअर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी।
डेलावेयर सुपीरियर कोर्ट में मंगलवार को दायर एक शिकायत में, पीड़ित परिजनों ने कहा कि बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर पर स्विच का लॉकिंग मैकेनिज्म अनजाने में बंद हो सकता है या गायब हो सकता है, जिससे ईंधन की आपूर्ति में कमी और टेकऑफ के लिए आवश्यक थ्रस्ट में कमी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि बोइंग और हनीवेल, जिन्होंने स्विच को स्थापित और निर्मित किया था, इस जोखिम के बारे में जानते थे, खासकर जब अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन ने 2018 में कई बोइंग विमानों पर लॉकिंग मैकेनिज्म के बंद होने के बारे में चेतावनी दी थी।
हादसे को रोकने के लिए हनीवेल और बोइंग ने क्या किया?
शिकायत में कहा गया है कि स्विच को सीधे थ्रस्ट लीवर के पीछे लगाकर, "बोइंग ने प्रभावी रूप से यह सुनिश्चित किया कि सामान्य कॉकपिट गतिविधि के परिणामस्वरूप अनजाने में ईंधन कटऑफ हो सकता है। इस आपदा को रोकने के लिए हनीवेल और बोइंग ने क्या किया? कुछ भी नहीं।"
अर्लिंग्टन, वर्जीनिया स्थित बोइंग ने बुधवार को कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उत्तरी कैरोलिना के शार्लोट स्थित हनीवेल ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। दोनों कंपनियां डेलावेयर में निगमित हैं। यह मुकदमा अमेरिका में इस दुर्घटना को लेकर दायर किया गया पहला मुकदमा है।
229 यात्रियों सहित 260 लोगों की मौत
परिजनों ने शिकायत में कांताबेन धीरूभाई पघदल, नाव्या चिराग पघदल, कुबेरभाई पटेल और बेबीबेन पटेल की मृत्यु के लिए हर्जाना मांगा है, जो मरने वाले 229 यात्रियों में शामिल थे। इस दुर्घटना में 12 चालक दल के सदस्य और जमीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए। एक यात्री बच गया।
हादसे के मुख्य कारकों तक नहीं पहुंची एजेंसियां
भारतीय, ब्रिटिश और अमेरिकी जांचकर्ताओं ने दुर्घटना के कारण का निर्णायक रूप से पता नहीं लगाया है। जुलाई में भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटना से पहले कॉकपिट में भ्रम की स्थिति का चित्रण किया गया था। जुलाई में ही, अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) के प्रशासक ब्रायन बेडफोर्ड ने उच्च स्तर का विश्वास व्यक्त किया कि यांत्रिक समस्या या ईंधन नियंत्रण घटकों की असावधानी से हुई हलचल इसके लिए जिम्मेदार नहीं थी।
बोइंग पर 20 महीने के लिए लगा था बैन
बोइंग को 2018 और 2019 में अपने 737 मैक्स विमानों की दो घातक दुर्घटनाओं के कारण 20 अरब डॉलर से ज्यादा की कानूनी और अन्य लागतों का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा बिकने वाले इस विमान को 20 महीनों के लिए उड़ान भरने से रोक दिया गया था।
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