'AI से बढ़ते आतंकी खतरों से निपटने के लिए वैश्विक मानक विकसित करने को भारत प्रतिबद्ध', UN में बोले पी. हरीश
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि सामाजिक जीवन से लेकर बुनियादी ढांचे तक सब कुछ डिजिटल हो रहा है। आतंकवाद से इनकी सुरक्ष ...और पढ़ें

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने कहा कि सामाजिक जीवन से लेकर महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे तक सब कुछ डिजिटल हो रहा है, ऐसे में आतंकवाद से इनकी सुरक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक मानक विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बैठक में कहा, ''प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ डीप फेक, साइबर सुरक्षा खतरे, डाटा चोरी और उच्च जोखिम वाले एआइ के दुर्भावनापूर्ण अनुप्रयोगों का खतरा और भी गंभीर होता जा रहा है।'' आतंकी खतरों को रोकना सर्वोपरि आवश्यकता बन गया है। हरीश ने कहा कि भारत और यूएई मिलकर इन खतरों से निपटने के लिए वैश्विक मानक बनाने के प्रयासों में अग्रणी रहे हैं।
आतंकवाद विरोधी मामलों के कार्यवाहक अवर महासचिव, अलेक्जेंडर जुएव ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां आतंकवाद से लड़ने के लिए एआइ का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने एआइ विशेषज्ञता वाले युवाओं को भर्ती करने की कोशिश कर रहे आतंकवादी समूहों के बारे में भी चेताया।
उन्होंने कहा, ''मेरा सबसे बुरा डर यह है कि कई आतंकी समूह विश्वविद्यालयों और नेटवर्कों से सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि आतंकवाद विरोधी विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए उन्हें आकर्षित करने के लिए सक्रिय कार्रवाई आवश्यक है।
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।