AI के 'गॉडफादर' की चेतावनी, वॉर-जॉब्स और चुनाव पर मंडरा रहा बड़ा खतरा; बताया कैसे पलट जाएगी दुनिया
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गॉडफादर जेफ्री हिंटन ने चेतावनी दी है कि टेक अरबपतियों द्वारा AI को तेजी से आगे बढ़ाना अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर कर सकता है, ...और पढ़ें
-1765017804438.webp)
हिंटन का दावा टेक अरबपति बिना सोचे AI दौड़ में लाखों नौकरियां खतरे में (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के 'गॉडफादर' कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने एक बड़ी और गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि टेक दुनिया के सबसे ताकतवर अरबपति ऐसे रफ्तार से AI आगे बढ़ा रहे हैं, जो अर्थव्यवस्थाओं को हिला सकती है, करोड़ों नौकरियां खत्म कर सकती है और ऐसी ताकतें पैदा कर सकती है जिन्हें इंसान शायद कंट्रोल ही न कर पाए।
टेक अरबपतियों पर सीधा निशाना
वॉशिंगटन के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स के साथ बातचीत में हिंटन ने कहा कि एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग, लैरी एलिसन और जेफ बेजोस जैसी बड़ी हस्तियां बिना जोखिम समझे AI और रोबोटिक्स पर अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं।
हिंटन के मुताबिक, ये कंपनियां इतनी तेजी से ऑटोमेशन बढ़ा रही हैं कि आगे चलकर सिस्टम खुद उनके खिलाफ हो सकता है। उन्होंने कहा, "अगर लोगों को नौकरी ही नहीं मिलेगी तो वे चीजें खरीदेंगे कैसे? कंपनियां किसे बेचेंगी?"
हिंटन का मानना है कि यह बदलाव पिछली औद्योगिक क्रांतियों जैसा नहीं होगा। इस बार जितनी नौकरियां जाएंगी, उतनी नई नौकरियां पैदा ही नहीं होंगी। उनके अनुसार, AI जब इंसानों जितना या उससे ज्यादा समझदार हो जाएगा, तो वह लगभग हर काम कर लेगा। उन्होंने कहा, "जो लोग अपनी नौकरी खोएंगे, उनके पास नया काम नहीं बचेगा। जो भी काम वे कर सकते होंगे, AI उससे बेहतर कर लेगा।"
कॉल-सेंटर, दफ्तरों का बेसिक काम, शुरुआती टेक्निकल रोल और साधारण विश्लेषण वाले काम सबसे पहले खत्म होंगे। आगे चलकर अर्थव्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी देखी जा सकती है।
सुपर-इंटेलिजेंट AI का खतरा
हिंटन ने चेताया कि आज के AI सिस्टम पहले ही किसी इंसान से हजारों गुना ज्यादा जानकारी जानते हैं और बहुत तेजी से सीख रहे हैं। दुनिया के कई शीर्ष वैज्ञानिक मानते हैं कि AI जल्द ही इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान हो जाएगा और तब क्या होगा, किसी को नहीं पता।
उन्होंने कहा कि भविष्य में AI ऐसे सब-गोल बना सकता हैजैसे खुद को बचाना या अपने ऊपर कंट्रोल बढ़ानाजिससे उसे रोकना मुश्किल हो जाएगा।हिंटन के अनुसार, हमने ऐसे उदाहरण देखे हैं जहां AI खुद को बंद करने वाले इंसान को धोखा देने की कोशिश करता है।
हिंटन का एक सबसे डरावना अनुमान युद्ध से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि AI-ड्रोन और इंसानी जैसे रोबोट युद्ध को बिना अपने सैनिक खोए लड़ने लायक बना देंगे।इससे अमीर देशों पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं रहेगा, क्योंकि उनके सैनिक मरेंगे ही नहीं।उन्होंने कहा, "अमीर देश गरीब देशों पर हमला कर सकते हैं और मरेंगे सिर्फ गरीब। जब ताबूत लौटकर नहीं आएंगे, तब सरकारों पर कोई दबाव नहीं रहेगा।"
डीपफेक और चुनावों का संकट
हिंटन ने कहा कि AI जल्द ही ऐसे वीडियो और ऑडियो बना देगा जिन्हें असली और नकली में पहचानना नामुमकिन होगा। इससे चुनावी प्रक्रिया और जनता का भरोसा टूट सकता है। उन्होंने बताया कि फेक को पकड़ने वाली AI हमेशा पीछे रह जाएगी, इसलिए समाधान सिर्फ 'डिजिटल सिग्नेचर' जैसे सिस्टम हैं, जो असली वीडियो की पहचान तय कर सकें।
बर्नी सैंडर्स और हिंटन दोनों ने कहा कि दुनिया की सरकारें अभी तक AI पर बुनियादी नियम भी लागू नहीं कर पाई हैं, न सुरक्षा टेस्टिंग, न बायोलॉजिकल खतरे रोकने के नियम, न पारदर्शिता की शर्तें। हिंटन ने कहा कि हमें उन सिस्टम्स को बनाने से पहले रुकना होगा जो हमसे ज्यादा समझदार हों। अभी हमारे पास ऐसा कोई उपाय नहीं है जिससे हम उनके साथ सुरक्षित तरीके से रह सकें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।