जवानी खराब कर रहे वीडियो गेम्स, लड़कों की एक पीढ़ी ऑनलाइन औसत से ज्यादा समय दे रही
वीडियो गेम्स पर लड़कों की एक पीढ़ी औसत से कहीं ज्यादा समय दे रही है। पिछले डेढ़ दशक में 15-24 वर्ष की आयु के लड़कों और युवकों ने गेमिंग में बिताया औसत समय दोगुना से भी ज्यादा यानी लगभग 10 घंटे प्रति सप्ताह बढ़ा दिया है। एक बड़े सर्वेक्षण के अनुसार कुछ शिक्षकों का कहना है कि गेमिंग ने कक्षाओं में एकाग्रता भंग की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। वीडियो गेम्स पर लड़कों की एक पीढ़ी औसत से कहीं ज्यादा समय दे रही है। पिछले डेढ़ दशक में 15-24 वर्ष की आयु के लड़कों और युवकों ने गेमिंग में बिताया औसत समय दोगुना से भी ज्यादा, यानी लगभग 10 घंटे प्रति सप्ताह बढ़ा दिया है।
गेमिंग ने कक्षाओं में एकाग्रता भंग की
एक बड़े सर्वेक्षण के अनुसार, कुछ शिक्षकों का कहना है कि गेमिंग ने कक्षाओं में एकाग्रता भंग की है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने इसे युवकों के काम के घंटों में कमी से जोड़ा है।
लड़कों और युवकों के हालिया संघर्षों का एक प्रमुख कारण गेमिंग
उन्होंने कहा कि लड़कों और युवकों के हालिया संघर्षों का एक प्रमुख कारण गेमिंग है। फिर भी वीडियो गेम युवाओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये युवाओं के सामाजिक जुड़ाव का एक प्रमुख माध्यम बन गए हैं और उन्हें अपनेपन का एहसास दिलाते हैं।
लड़कों और युवकों द्वारा गेम खेलने में बिताए गए समय में वृद्धि, अमेरिकन टाइम यूज सर्वे द्वारा मापी गई किसी भी गतिविधि में सबसे ज्यादा थी। यह एक बड़ा संघीय सर्वेक्षण है, जो हर साल हजारों लोगों के राष्ट्रीय प्रतिनिधि नमूने से पूछता है कि वे दिन के हर मिनट में क्या करते हैं।
गेमिंग फोन पर ज्यादा की जाती है
यह वृद्धि तकनीकी परिवर्तनों के साथ हुई है, जिसने खेलों को और भी ज्यादा मनोरंजक बना दिया है। गेमिंग कंप्यूटर पर की जाने वाली गतिविधि से कहीं ज्यादा, फोन पर की जाने वाली गतिविधि बन गई है।
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