Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    26/11 मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा जल्द लाया जाएगा भारत, अमेरिकी कोर्ट ने खारिज की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 02:23 PM (IST)

    पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को अमेरिका की एक अदालत ने खारिज कर दिया है जिससे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। बता दें कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे।

    Hero Image
    2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द भारत को प्रत्यर्पित कर सकता है अमेरिका

    वाशिंगटन, एजेंसी। एक अमेरिकी अदालत ने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट को खारिज कर दिया है, जिससे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के लिए उसे भारत, जहां 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी संलिप्तता के लिए उसकी तलाश की जा रही है, को प्रत्यर्पित करने के लिए प्रमाण पत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मई में अदालत ने राणा के भारत प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

    26/11 के मुंबई हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की भारत की लड़ाई की एक बड़ी जीत में, एक अमेरिकी अदालत ने मई में 62 वर्षीय राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। फिलहाल राणा को लॉस एंजिलिस के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में रखा गया है।

    जून में राणा ने दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट

    पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राणा ने इस साल जून में अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए 'बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट' दायर की थी, जिसमें अमेरिकी सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया गया था कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपियों को भारत प्रत्यर्पित किया जाए।

    कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट जज जज डेल एस फिशर ने 10 अगस्त को अपने आदेश में लिखा, "अदालत ने एक अलग आदेश द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट के लिए तहव्वुर राणा की याचिका को खारिज कर दिया है।"

    आदेश के खिलाफ राणा ने दायर की अपील

    हालांकि, राणा ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की है और नौवें सर्किट कोर्ट में उसकी अपील की सुनवाई होने तक भारत में अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की है। उन पर मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले में उनकी भूमिका के लिए आरोप लग रहे हैं। जज फिशर ने अपने आदेश में कहा कि राणा ने रिट में केवल दो बुनियादी दलीलें दी हैं।

    10 जून, 2020 को भारत ने प्रत्यर्पण की दृष्टि से राणा की अनंतिम गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक शिकायत दर्ज की। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।

    कैलिफोर्निया के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के यूएस मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई के 48 पन्नों के अदालती आदेश में कहा, "कोर्ट ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और सुनवाई में प्रस्तुत किए गए तर्कों पर विचार किया है।"

    NIA कर रही मामले की जांच

    भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 2008 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों द्वारा किए गए 26/11 हमलों में उनकी भूमिका की जांच कर रही है। NIA ने कहा है कि वह राजनयिक चैनलों के माध्यम से उसे भारत लाने की कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है।

    2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक घेराबंदी की थी। आतंकियों ने मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया और लोगों की हत्या कर दी थी।

    comedy show banner
    comedy show banner