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America के एक मंदिर में 11 साल के बच्‍चे को गर्म सरिये से दागा, पि‍ता ने मुकदमा दर्ज कर मांगा एक मिल‍ियन डॉलर मुआवजा

यूएसए के टेक्‍सस में एक 11 साल के बच्‍चे को गर्म सरिए से दागने के मामले में एक हिंदू मंदिर और उसके मूल संगठन पर बच्‍चे के पि‍ता ने केस कर एक मिल‍ियन डॉलर मुआवजे की मांग की है। कहा कि पिछले साल अगस्त में टेक्सास के शुगरलैंड में श्री अष्टलक्ष्मी हिंदू मंदिर में एक धार्मिक समारोह के दौरान उनके बेटे को गर्म लोहे की छड़ से दागा गया था।

By Agency Edited By: Prateek Jain Published: Fri, 05 Apr 2024 02:36 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2024 02:36 PM (IST)
अमेरिका के एक मंदिर में 11 साल के बच्‍चे को गर्म सरिये से दागा। (सांकेति‍क तस्‍वीर)

पीटीआई, ह्यूस्‍टन। यूएसए के टेक्‍सस में एक 11 साल के बच्‍चे को गर्म सरिए से दागने के मामले में एक हिंदू मंदिर और उसके मूल संगठन पर बच्‍चे के पि‍ता ने केस कर एक मिल‍ियन डॉलर मुआवजे की मांग की है। 

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फोर्ट बेंड काउंटी में रहने वाले विजय चेरुवु ने कहा कि पिछले साल अगस्त में टेक्सास के शुगरलैंड में श्री अष्टलक्ष्मी हिंदू मंदिर में एक धार्मिक समारोह के दौरान उनके बेटे को गर्म लोहे की छड़ से दागा गया था। 

फोर्ट बेंड काउंटी में दायर मुकदमे के अनुसार, बच्‍चे को बहुत दर्द और स्थायी विकृति का सामना करना पड़ा, जिसमें बच्‍चे के पिता चेरुवु मंदिर और उसके मूल संगठन, जीयर एजुकेशनल ट्रस्ट (जेईटी) यूएसए, इंक. के खिलाफ मुकदमे में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की क्षतिपूर्ति की मांग कर रहा है।

पिता का दावा- मंदिर में 100 लोग थे मौजूद

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बच्‍चे के पिता ने कहा कि घटना को लेकर वे हैरान थे और उन्‍हें नहीं पता था कि वे इसे कैसे हैंडल करे। उनकी पहली प्राथमिकता बच्‍चे के स्‍वस्‍थ्‍य होने को लेकर थी। पि‍ता ने कहा कि उनके बेटे के कंधे पर भगवान विष्‍णु की आकृत‍ि में दो भागों पर उसे दागा गया। 

मुकदमें में पिता ने दावा किया कि मंदिर में सेरेमनी के दौरान 100 लोगों ने भाग लिया, जिसमें उनके बेटे समेत तीन बच्‍चे भी शामिल थे। 

बच्‍चे को दागने के बाद हुआ इंफेक्‍शन

चेरुवु के अटॉर्नी (वकील) ने  ब्रांट स्‍टॉन्‍गर ने कहा कि बच्‍चे को दोनों कंधो पर दागा गया है, जिससे उसे काफी दर्द और स्थायी विकृति हुई से गुजरना पड़ा। वहीं, इसके कारण उसे इंफेक्‍शन भी हुआ।

अटॉर्नी ने आगे कहा कि बच्‍चा अपनी मां के साथ कार्यक्रम में शामिल हुआ था, जहां इच्‍छा के विरुद्ध उसे दागा गया और इसके लिए उसके पिता से भी अनुमति नहीं ली गई न उन्‍हें इसकी जानकारी दी। ब्रांट स्‍टॉन्‍गर के अनुसार, टेक्‍सास में परिजनों की अनुमति के बाद भी बच्‍चों को दागना, उन पर टेटू गोदना और डराना गैर कानूनी है। 

स्टोगनर ने कहा,

"यह मूल रूप से हमारे पीठ पीछे हो रहा है, यही कारण है कि हमने मुकदमा दायर किया है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी कम्‍यूनिटी इसके बारे में जागरूक हो और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसा किसी और के साथ न हो। "

बच्‍चे का बयान, 

मुझे इतना आश्चर्य हुआ। मुझे नहीं पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है, जब उन्होंने इसे मेरे कंधे पर किया तो मैं हैरान रह गया और मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं लगभग रो पड़ा।

वे जानते थे कि उन्होंने जो किया वह बहुत गलत था, क्योंकि उन्होंने मुझसे इसे बाकी सभी से गुप्त रखने के लिए कहा था। लेकिन जब दर्द बढ़ गया और यह संक्रमित हो गया तो मुझे अपने पिता को बताना पड़ा।

चेरुवु ने बताया कि उनके बेटे को उनकी पूर्व पत्नी मंदिर ले गई थी, जहां बेटे को दागा गया, लेकिन उसकी मां को नहीं।

चेरुवु के पिता ने कहा,

"वह (बच्‍चा) एक चिकित्सक के पास जाता है। वह बहुत गहरे सदमे में है, मानसिक रूप से डरा हुआ है।"

मंदिर से संपर्क किया गया तो लगातार कॉल या ईमेल का कोई भी जवाब नहीं मिला।

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