युवक को पेड़ से बांधकर पिटाई करने का वीडीयो वायरल
- तृणमूल पर लगा आरोप भाजपा छोड़ने के लिए बनाया जा रहा था दबाव - तृणमूल कांग्रेस ने आरोप
- तृणमूल पर लगा आरोप, भाजपा छोड़ने के लिए बनाया जा रहा था दबाव
- तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, फंसाने की साजिश
जागरण संवाददाता,उत्तर दिनाजपुर: तृणमूल काग्रेस पर एक घर में तोड़फोड़ करने और एक भाजपा कार्यकर्ता को मैदान में पेड़ से बाधकर पीटने का आरोप लगा है। एक के बाद एक बास से उस युवक को बारी-बारी पीटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। चोपड़ा थाने के बकसाबरी इलाके के रहने वाले रहीमुद्दीन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हालाकि तृणमूल काग्रेस ने आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। उनका कहना था कि यह साजिश है। भाजपा कार्यकर्ता रहीमउद्दीन ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद से विपक्षी दल भाजपा करने के कारण तृणमूल काग्रेस वाले उनके और उनके जैसे लोगों पर अत्याचार कर रहा है। तृणमूल काग्रेस के बदमाशों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वह उनकी बात सुने। उसने यह भी आरोप लगाया कि पिछले दिनों उन पर बदमाशों ने फायरिंग की थी। सिर में गोली लगने से वह बच गया। भाजपा से जुड़े होने के कारण उसे उठक-बैठक कराया गया। उसे मजबूरन 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ा और एक बाड लिखना पड़ा कि वह फिर से भाजपा में शामिल नहीं होगा। घटना यहीं खत्म नहीं होती है। फिर उसे खेत में ले जाया गया, एक पेड़ से बाध दिया गया और बास से पीटा गया। उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन बाद में उसने शिकायत वापस ले लिया और मीडिया को स्पष्ट किया कि एक गाय से जुड़ी एक घटना था उस मामला को सुलझा लिया गया है। पार्टी के लोग दबाव देकर भाजपा कर्मी बना दिया ऐसा बयान भी दिया ।हालाकि, क्षेत्र के तृणमूल नेता और उप प्रधान के प्रतिनिधि मोहम्मद हनीफ ने कहा कि घटना खेत से गाय लेने को लेकर हुआ था। बाद में इसे सुलझा लिया गया। लेकिन एक बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर उनकी पिटाई पूरी तरह झूठ है। क्योंकि वह तृणमूल काग्रेस के परिवार का बेटा है। यह भाजपा की साजिश है। भाजपा वाले यह तृणमूल के लोगों को भाजपा बनाने के लिए मजबूर कर राजनीति फायदा उठाने की कोशिश की गई है।
दूसरी ओर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरजीत सेन ने पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया कि जिस तरह से युवक को पेड़ से बाधकर पीटा गया उससे निपटने में लोकतंत्र कितना सक्रिय है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता को बार-बार आरोपों को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था। अगर आरोप वापस लिए गए, तो पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे। हालाकि आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने शुक्रवार को फिर से आरोप वापस लेने का अर्जी दाखिल किया है ।