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West Bengal Election Result 2021: हुगली के पांडुआ में 45 साल पुरानी लाल दुर्ग को भी इस बार तृणमूल की आंधी ने उखाड़ फेंका

वर्ष 2011 के विस चुनाव में राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व में चली परिवर्तन की आंधी के समय भी तृणमूल ने इस लाल दुर्ग को छू नही पाया था। लेकिन इस बार यहां की जनता ने माकपा की इस पुराने किले को पूरी तरह से तोड़ डाला है।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:09 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:30 AM (IST)
West Bengal Election Result 2021: हुगली के पांडुआ में 45 साल पुरानी लाल दुर्ग को भी इस बार तृणमूल की आंधी ने उखाड़ फेंका
हुगली के पांडुआ में 45 साल पुरानी लाल दुर्ग को भी इस बार तृणमूल की आंधी ने उखाड़ फेंका

कोलकता, राज्य ब्यूरो। पिछले 45 सालों से लाल झंडे के कब्जे में रहा हुगली जिले का पांडुआ विधानसभा सीट भी इस बार तृणमूल कांग्रेस की आंधी में वामदलों से छीन गया। पूर्व मंत्री गोपाल दास नाग की बेटी एवं पूर्व सांसद डाॅ रत्ना दे नाग ने इस बार लगभग 31 हजार वोटों से जीत दर्ज करके माकपा के इस लाल किले को ध्वस्त कर दिया है। पिछले लोकसभा चुनाव में हुगली संसदीय सीट से भाजपा की उम्मीदवार लाॅकेट चटर्जी से हारने के बाद इस बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रत्ना दे नाग को पांडुआ विधानसभा सीट से खड़ा किया था।

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रत्ना दे नाग ने भाजपा के उम्मीदवार पार्थ शर्मा को 31 हजार 477 मतो से पराजित करके 45 साल बाद इस सीट पर गैर वामपंथी दल का झंडा फहराने में कामयाब हुई है। वामपंथियों के इस गढ़ में इस बार माकपा के उम्मीदवार अमजद हुसैन तीसरे स्थान पर चले गए हैं, जबकि भाजपा यहां दूसरे स्थान पर रही। पिछले लोकसभा चुनाव में पांडुआ विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार लाॅकेट चटर्जी ने बढ़त बनाई थी। पांडुआ विस हुगली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

वर्ष 2011 के विस चुनाव में राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व में चली परिवर्तन की आंधी के समय भी तृणमूल ने इस लाल दुर्ग को छू नही पाया था। लेकिन इस बार यहां की जनता ने माकपा की इस पुराने किले को पूरी तरह से तोड़ डाला है। देखा जाए तो वर्ष 1977 से लेकर 2016 तक पांडुआ विस सीट पर माकपा का ही कब्जा बरकरार था। वर्ष 1977 में जब माकपा के ज्योति बसु बंगाल के मुख्यमंत्री बने थे। उस समय माकपा नेता देव नारायण चक्रवर्ती ने यहां से जीत हासिल की थी। चक्रवर्ती यहां से लगातार चार बार विधायक चुने गए। इसके बाद वर्ष 1996 में माकपा के उम्मीदवार शेख माजिद अली ने तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी को हरा कर यहां से तीन बार विजयी हुए।

वर्ष 2011 में माकपा ने शेख माजिद अली को हटाकर इस सीट से अमजद हुसैन को खड़ा किया था। अमजद हुसैन दो बार पांडुआ से विधायक निर्वाचित हुए। देखा जाए तो हुगली जिले की कुल 18 सीटों में इस बार 14 पर तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की है। इनमें में चंडीतल्ला एवं पांडुआ सीट ही ऐसी है जहां तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को बड़े अंतर से हराया है। 


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