Malda violence: 'मालदा हिंसा बंगाल सरकार की विफलता', RSS के प्रतिनिधि दल ने किया क्षेत्र का दौरा
आरएसएस के उत्तर बंगाल प्रांतीय संघ चालक त्रिषिकेश साहा ने कहा कि बंगाल सरकार और उसकी पुलिस हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रही है। आरोप लगाया कि हिंसा को नियंत्रित करने के बजाय राज्य के कुछ नेता और अधिकारी इसे और भड़काने का काम कर रहे हैं। आरएसएस का एक प्रतिनिधि दल मोथाबाड़ी पहुंचकर हिंसा की स्थिति का जायजा ले रहा है।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। मालदा के मोथाबाड़ी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बंगाल सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इसे ''सरकार की विफलता'' करार दिया है। साथ ही, प्रबुद्ध समाज से इस स्थिति का मुकाबला करने का भी आह्वान किया है।
पुलिस हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रही
आरएसएस के उत्तर बंगाल प्रांतीय संघ चालक त्रिषिकेश साहा ने कहा कि बंगाल सरकार और उसकी पुलिस हिंसा पर नियंत्रण पाने में असफल रही है।
आरोप लगाया कि हिंसा को नियंत्रित करने के बजाय राज्य के कुछ नेता और अधिकारी इसे और भड़काने का काम कर रहे हैं। यदि राज्य सरकार हिंसा को रोकने में अक्षम है, तो उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि समाज के प्रबुद्ध वर्ग आगे आकर इसका मुकाबला कर सकें।
आरएसएस का एक प्रतिनिधि दल मालदा पहुंचा
बता दें कि आरएसएस का एक प्रतिनिधि दल मोथाबाड़ी पहुंचकर हिंसा की स्थिति का जायजा ले रहा है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
त्रिषिकेश साहा ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की घटती जनसंख्या को लेकर चिंता जताई और कहा कि वहां हिंदुओं की संख्या 22 फीसदी से घटकर वर्तमान में 7.95 फीसद रह गई है। बांग्लादेश में मौजूदा सरकार हिंदू अल्पसंख्यकों के प्रति सख्त रवैया अपना रही है।
बांग्लादेश के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील
उन्होंने केंद्र सरकार से बांग्लादेश के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि नरम रवैया अपनाने के कारण ही ऐसी घटनाएं भारत में भी देखने को मिल रही हैं।
गुरुवार को दंगाईयों ने कई हिंदुओं की दुकानों और घरों को निशाना बनाया था। पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई थी। इसी के विरोध में जिले के इंग्लिश बाजार थाना इलाके के बांधापुकुर मोड़ पर काफी संख्या में लोग पहुंचे और सड़क जाम कर दिया।
पुलिस की गाड़िंयों में तोड़फोड़ की गई
पुलिस ने सड़क जाम हटाने की कोशिश की, तो उनपर हमला कर दिया गया। पुलिस की गाड़िंयों में तोड़फोड़ की गई। पत्थरबाजी भी की गई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी दागे। उसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया जा सका।
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