RG Kar Case: 'दोषी के मृत्युदंड के लिए अपील करना हमारा अधिकार', डॉक्टर रेप हत्या मामले पर HC में CBI ने क्या-क्या कहा?
RG Kar Case सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के मामले में दोषी संजय राय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस फैसले के आने के बाद भाजपा नेताओं ने बंगाल सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं बंगाल सरकार ने मंगलवार को आरजी कर रेप-हत्या केस में कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म-हत्या मामले में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को अपर्याप्त बताने वाली बंगाल सरकार की अपील को स्वीकार करने से पहले सीबीआई, पीडि़ता के परिवार और दोषी का पक्ष सुनेगा।
वहीं सीबीआई ने मामले में अपील दायर करने के राज्य के अधिकार का विरोध करते हुए दावा किया कि अभियोजन एजेंसी होने के नाते उसे सजा की अपर्याप्तता के आधार पर अपील दायर करने का अधिकार है।
कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक व न्यायमूर्ति शब्बार रशीदी की खंडपीठ ने ने कहा कि वह 27 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट दोषी के मृत्युदंड के लिए पीड़ित परिवार की अपील पर 29 जून को सुनवाई करेगा। सभी पक्षों को नोटिस जारी किया गया है।
आरोपी को मिला आजीवन कारावास
सियालदह की अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त 2024 को ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी संजय राय को सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत का मानना था कि यह अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता है।
आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग
राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने दोषी राय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि दोषी को उसके प्राकृतिक जीवन के अंत तक आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त है। उन्होंने अदालत से अपील स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि अभियोजन एजेंसी, पीडि़त परिवार और दोषी के अलावा राज्य भी सजा की अवधि को चुनौती दे सकता है।
जांच सीबीआई को स्थानांतरित
दत्ता ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि कोलकाता पुलिस ने दुष्कर्म-हत्या मामले की प्रारंभिक जांच की थी और बाद में कलकत्ता हाई कोर्ट ने 13 अगस्त 2024 को जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
अपील करने का अधिकार नहीं
सीबीआई की ओर से पेश उप-सॉलिसिटर जनरल राजदीप मजूमदार ने राज्य की दलील का विरोध किया और कहा कि बंगाल सरकार को अपर्याप्तता के आधार पर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने निचली अदालत के समक्ष राय को मृत्युदंड देने का अनुरोध किया था।
भाजपा का ममता सरकार पर हमला
आरजी कर दुष्कर्म व हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद और भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने कहा कि निचली अदालतों में जज आगे से कोई आदेश जारी नहीं करते हैं, बल्कि ल सेक्रेटरी का फोन आता है और सरकारी अभियोक्ता बेगुनाह लोगों को जबरन जेल में रखते हैं। अर्जुन सिंह ने कहा कि आरजी कर रेप-मर्डर मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट जाने की जरूरत थी। राज्य सरकार खुद को बचाने का प्रयास कर रही है।
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