बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: 'दागी अभ्यर्थियों के साथ क्यों खड़ी है SSC', : कलकत्ता हाई कोर्ट ने आयोग से दागे सवाल
बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) से सवाल किया कि वह दागी अभ्यर्थियों के साथ क्यों खड़ा है। दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की एकल पीठ ने आदेश दिया है कि एसएससी की नई भर्ती परीक्षा में दागी अभ्यर्थी शामिल नहीं हो पाएंगे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) से सवाल किया कि वह दागी अभ्यर्थियों के साथ क्यों खड़ा है।
दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की एकल पीठ ने आदेश दिया है कि एसएससी की नई भर्ती परीक्षा में दागी अभ्यर्थी शामिल नहीं हो पाएंगे। इस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य और एसएससी न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास की खंडपीठ में गए हैं, जहां उन्हें इन सवालों का सामना करना पड़ा।
न्यायमूर्ति सेन ने एसएससी से कुल तीन प्रश्न पूछे। पहला एसएससी दागी या पहचाने गए अयोग्य लोगों के साथ क्यों खड़ी है? दूसरा, क्या एसएससी दागी लोगों का साथ देने की स्थिति में है? तीसरा, भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने या न लेने का आयोग पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
अदालत के सवालों के जवाब में एसएससी के वकील कल्याण बनर्जी ने दो कारण बताए। उनका पहला तर्क यह था कि नई भर्ती में कौन भाग ले सकता है और कौन नहीं, इस बारे में भ्रम है। एसएससी स्पष्ट रूप से समझना चाहती है कि नई भर्ती में कौन भाग ले सकता है और कौन नहीं। इसीलिए एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई है।
कल्याण का दूसरा तर्क यह था कि दागी अभ्यर्थियों की नौकरियां रद कर दी गई हैं। वेतन भी वापस करना होगा। लेकिन उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति क्यों नहीं दी जाएगी? कल्याण का सवाल था कि क्या एक ही गलती के लिए कई सजाएं मिलनी चाहिए?
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