राज्यपाल मंजूरी न दें तो भी.. ममता बनर्जी बोलीं- हम 15 अप्रैल को 'बांग्ला दिवस' के रूप में मनाएंगे
एक तरफ जहां कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सीएम और राज्यपाल के बीच ठनी हुई है। वहीं सीएम ममता बनर्जी ने एलान किया है कि राज्यपाल की मंजूरी के बावजूद हम 15 अप्रैल को बंगाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा राज्य का स्थापना दिवस का दिन निर्धारित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया।

कोलकाता, एएनआई। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने गुरुवार (7 सितंबर) को बांग्ला दिवस मनाने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हम 15 अप्रैल को बांग्ला दिवस के रूप में मनाएंगे। वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने एलान किया है कि राज्यपाल की मंजूरी के बावजूद हम 15 अप्रैल को बंगाल दिवस के रूप में मनाएंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भले ही राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया, लेकिन संकल्प के अनुसार यह दिन मनाया जाएगा।
यह भी निर्णय लिया गया कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया प्रसिद्ध गीत 'बांग्लार माटी, बांग्लार जोल (बंगाल की मिट्टी, बंगाल का पानी)' राष्ट्रीय गीत की तर्ज पर राज्य गीत होगा।
15 अप्रैल को 'बांग्ला दिवस' के रूप में मनाया जाएगा: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने आगे कहा,"पोइला बोइशाख, बंगाली कैलेंडर का पहला दिन, एक अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। राज्य सरकार ने इस मामले पर कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों से परामर्श किया और उनमें से अधिकांश ने 'पोइला बोइशाख' को पश्चिम बंगाल के राज्य दिवस के रूप में मनाने के पक्ष में आवाज उठाई।"
उन्होंने आगे कहा कि अगर राज्यपाल प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देते हैं तो भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम इसे राज्यत्व दिवस के रूप में मनाएंगे।
20 जून को स्थापना दिवस मनाने के खिलाफ ममता बनर्जी
बता दें कि केंद्र के निर्देश पर इस साल 20 जून को यहां राजभवन में राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया था, ममता इसके खिलाफ है। इससे पहले चार साल पूर्व ममता सरकार ने बंगाल का नाम परिवर्तन को लेकर भी विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराया था, लेकिन केंद्र ने इसकी मंजूरी नहीं दी है।

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