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    West Bengal Politics: बंगाल में भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल को हराना जरूरी: माकपा

    By Jagran NewsEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Fri, 13 Oct 2023 05:10 PM (IST)

    West Bengal Politics माकपा के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने पार्टी के मुखपत्र के वार्षिक उत्सव संस्करण में एक लेख में यह बातें लिखी। सलीम ने कहा कि चूंकि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने लिखा है कि देश में भाजपा विरोधी ताकतों को बंगाल की जमीनी हकीकतों से अवगत कराने की आवश्यकता है।

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    West Bengal Politics माकपा ने तृणमूल कांग्रेस पर बोला हमला।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Politics बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंके बिना भाजपा को रोकना असंभव है। यह बात माकपा की बंगाल इकाई ने कही है। पार्टी ने कहा कि विपक्ष के अन्य घटक आइएनडीआइए ब्लाक को इस जमीनी हकीकत को समझना चाहिए।

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    तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की पकड़ मजबूत की

    बंगाल में पार्टी के मुखपत्र गणशक्ति के वार्षिक उत्सव संस्करण में लिखे गए एक लेख में, माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और पार्टी के बंगाल सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि चूंकि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को हराने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने लिखा है कि देश में भाजपा विरोधी ताकतों को बंगाल की जमीनी हकीकतों से अवगत कराने की आवश्यकता है, जहां स्थापना के बाद से ही तृणमूल कांग्रेस भाजपा की संभावित सहयोगी रही है और अब वे सिर्फ बिछड़े हुए सहयोगी हैं, हालांकि इस बात की पूरी संभावना है कि दोनों एक-दूसरे से मिल जाएंगे।

    राज्य-विशिष्ट रणनीतियों को अपनाने जरूरत

    सलीम ने अपने लेख में यह भी स्पष्ट किया है कि बंगाल के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भाजपा विरोधी सहयोगियों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर सीट बंटवारे के समझौते का कोई सवाल ही नहीं है। सलीम ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की अपनी राजनीतिक मजबूरियां हो सकती हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एक निश्चित सीट-बंटवारा न तो संभव है और न ही यथार्थवादी है। आवश्यकता संबंधित राज्य की जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए राज्य-विशिष्ट रणनीतियों को अपनाने की है।

    पार्टी महासचिव को भी दिया संदेश

    राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सलीम का लेख जमीनी स्तर के माकपा कार्यकर्ताओं और पार्टी के समर्थकों की सामान्य भावना और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के खिलाफ उनकी बढ़ती शिकायतों का प्रतिबिंब है, क्योंकि वे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी एक ही फ्रेम में आइएनडीआइए की बैठकों में दिखते रहे हैं।

    साथ ही सलीम के इस लेख को पार्टी के पोलित ब्यूरो के उस फैसले का विस्तार भी कहा जा सकता है, जिसमें उन्होंने आइएनडीआइए ब्लाक की समन्वय समिति में कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने का फैसला किया था, जहां अभिषेक बनर्जी सदस्य हैं।

    तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह लेख इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि वास्तव में बंगाल में भाजपा को कौन फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि माकपा का एकमात्र उद्देश्य राज्य में भाजपा विरोधी वोटों को विभाजित करके भगवा खेमे को फायदा पहुंचाना है। यही कारण है कि वे राज्य में शून्य में बदल गए हैं।