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    West Bengal Politics: लोकसभा चुनाव में बंगाल के लिए भाजपा बना रही अलग रणनीति, मुस्लिम बहुल 13 सीटों पर फोकस

    By Jagran NewsEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Mon, 30 Jan 2023 04:44 PM (IST)

    Lok Sabha Elections 2024 अलगे साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हमेशा से हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा बं ...और पढ़ें

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    Lok Sabha Elections 2024 लोक सभा को लेकर भाजपा की तैयारी तेज।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में बंगाल की सीटों को लेकर भाजपा ने एक अलग रणनीति बनाई है। हमेशा से हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा बंगाल की मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाली 13 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करेगी। प्रदेश भाजपा के सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ता अल्पसंख्यक मतदाताओं के घर-घर जाएंगे और उनकी शिकायतों पर ध्यान देंगे। इस कवायद में उन लोगों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जो पिछड़े आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं।

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    इन सीटों पर रहेगा फोकस

    इन 13 लोकसभा क्षेत्रों बहरमपुर, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, रायगंज, मालदा (दक्षिण), मालदा (उत्तर), बशीरहाट, जादवपुर, बीरभूम, कृष्णनगर, डायमंड हार्बर, जयनगर और मथुरापुर शामिल हैं। इन निर्वाचन क्षेत्रों में मुर्शिदाबाद के बहरमपुर में सबसे अधिक 64 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जबकि मथुरापुर में सबसे कम 32 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है।

    मुस्लिम सीटों पर भाजपा को 2019 में हुआ था नुकसान

    2019 के लोकसभा चुनावों में बहरमपुर के मतदाताओं ने पांच बार पार्टी के सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को फिर से चुना था। दूसरी ओर माकपा के पुराने गढ़ मथुरापुर में 2019 में तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य चौधरी मोहन जटुआ को फिर से चुना गया। हालांकि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, लेकिन मुस्लिम बहुल रायगंज और मालदा (उत्तर) लोकसभा सीट को छोड़कर उपरोक्त अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में कमल नहीं खिला था।

    पीएम मोदी ने दिया मंत्र

    हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी नेतृत्व को देश में अल्पसंख्यक मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक स्पष्ट निर्देश दिया है। तदनुसार, अलग-अलग राज्यों के नेतृत्व को भी अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों की पहचान करने और वहां के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कहा गया था। इस विशेष संपर्क अभियान के लिए बंगाल में अल्पसंख्यक मतदाताओं के बड़े अनुपात वाले इन 13 निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की गई है।