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    West Bengal: 'अवैध तरीके से प्रिंसिपल बने TMC विधायक मानिक', यूजीसी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में हलफनामा

    प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल विधायक मानिक भट्टाचार्य पर फिर से अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है। इस बार उन पर आरोप है कि वह अवैध तरीके से कॉलेज के प्रिंसिपल बन गए। वो भी 1998 में जब राज्य में वाममोर्चा की सरकार थी। ईडी ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में मानिक को गिरफ्तार किया है।

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 11 Dec 2023 09:40 PM (IST)
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    कोर्ट ने यूजीसी को हलफनामा दाखिल करने को कहा था (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल विधायक मानिक भट्टाचार्य पर फिर से अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा है। इस बार उन पर आरोप है कि वह अवैध तरीके से कॉलेज के प्रिंसिपल बन गए। वो भी 1998 में, जब राज्य में वाममोर्चा की सरकार थी।

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    ईडी ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में मानिक को गिरफ्तार किया है। वह फिलहाल जेल हिरासत में है। मानिक लंबे समय तक जोगेशचंद्र चौधरी लॉ कॉलेज, कोलकाता के प्रिंसिपल रहे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से यह पता लगाने के लिए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था कि क्या उन्हें नियमों के अनुसार इस पद पर नियुक्त किया गया था।

    यूजीसी ने सोमवार को हलफनामा दाखिल किया

    यूजीसी ने सोमवार को हलफनामा दाखिल किया। उसने कोर्ट को बताया कि मानिक की नियुक्ति नियमानुसार प्रिंसिपल पद पर नहीं की गई है। यूजीसी के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कॉलेज का प्रिंसिपल बनने के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर कम से कम 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करने चाहिए। पीएचडी या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।

    इसके अलावा किसी कॉलेज, विश्वविद्यालय या किसी उच्च शिक्षा संस्थान में 15 साल का शिक्षण अनुभव आवश्यक है। यूजीसी ने हलफनामे में कहा कि ये सभी योग्यताएं नहीं होने के बावजूद मानिक प्रिंसिपल बने। अगले सप्ताह मामले की सुनवाई होगी।

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