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    नौकरी खोने वाले सभी 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को इस महीने वेतन देगी बंगाल सरकार

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 05:40 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नौकरी गंवाने वाले बंगाल के 26000 शिक्षक व गैर-शिक्षकों को इस महीने वेतन मिलेगा। राज्य सरकार ने वेतन पोर्टल में इनके नाम शामिल किए हैं। वहीं ममता बनर्जी के बयान पर उन्हें अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा गया है। योग्य शिक्षकों ने रैलियों और धरनों के ज़रिए फैसले का विरोध जताया और पुनर्नियुक्ति की मांग की है।

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    बंगाल सरकार इस महीने सभी 26,000 बर्खास्त शिक्षकों और कर्मियों को वेतन देगी। (

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से नौकरी खोने वाले करीब 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकों को बंगाल सरकार से थोड़ी राहत मिली है। स्कूलों के वेतन पोर्टल में उन सभी के नाम शामिल हैं यानी राज्य सरकार की ओर से उन्हें इस महीने की तनख्वाह दी जाएगी।

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    मालूम हो कि बंगाल के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का वेतन पोर्टल प्रत्येक महीने एक से 10 तारीख के दौरान अपडेट किया जाता है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस महीने का वेतन रोकने से संबंधित कोई निर्दिष्ट निर्देश नहीं दिया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है।

    मुख्यमंत्री को अदालत की अवमानना का नोटिस

    इस बीच सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी को लेकर दिल्ली के सिद्धार्थ दत्ता नामक अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अदालत की अवमानना का नोटिस भेजा है।

    नोटिस में लिखा है कि ममता बनर्जी ने बीते सोमवार को नौकरी खोने वालों के साथ कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में हुई बैठक में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं। किसी को किसी की नौकरी छीनने का अधिकार नहीं है। वे इस निर्णय को क्रियान्वित नहीं होने देंगी। मुख्यमंत्री ने अगर अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगी तो उनके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला दायर किया जाएगा।

    योग्य शिक्षकों ने निकाली रैलियां, एसएससी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे

    नौकरी खोने वाले करीब 500 'योग्य शिक्षकों ने गुरुवार को कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर रैलियां निकालीं। उन्होंने कहा कि उन्हें 'दागियों में शामिल करके सजा नहीं दी जानी चाहिए। दूसरी तरफ उनके एक समूह ने एसएससी कार्यालय के सामने धरना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि जब तक नौकरी खोने वाले योग्य शिक्षकों की सूची जारी नहीं की जाएगी, तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

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