West Bengal: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल में गेरुआ, लाल रंग की छतें बर्दाश्त नहीं; मुख्य सचिव को दिए जांच के निर्देश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में घरों का रंग गेरुआ और छत का रंग लाल होने पर नाराजगी व्यक्त की है। इस संबंध में ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सवाल उठाया है कि गेरुआ और लाल रंग के टिन के शेड राज्य में कैसे आपूर्ति किए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में गेरुआ, लाल छतें बर्दाश्त नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया है कि उत्तर बंगाल में घर की छतें गेरुआ और लाल क्यों होंगी। ममता ने मुख्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है। ममता ने कहा कि उत्तर बंगाल में छत पर लगाने के लिए इस तरह के अलग-अलग रंग के टिन के शेड कैसे आपूर्ति किए जा रहे हैं। इसे लेकर उन्होंने अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस से भी सवाल किए।
बता दें कि ममता सरकार पहले से ही राज्य में सरकारी इमारतों के साथ निजी घरों को भी नीले-सफेद रंग में रंगने पर विशेष जोर दे रही है। इसके लिए सरकारी इमारतों के साथ निजी घरों को भी कर में छूट की घोषणा की गई है। गुरुवार को राज्य सचिवालय में प्रशासनिक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नीला-सफेद राज्य का रंग है। इसके बाद भी लोग नीले-सफेद रंग को आम तौर पर क्यों स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल में घरों में लाल या गेरुआ रंग की टीन की छतें हैं। इस टिन की आपूर्ति करने वालों को बताना होगा कि यह हमारे राज्य का रंग नहीं है। यह काम मुख्य सचिव करेंगे। ममता ने कहा कि लोग जो चाहे कपड़े पहन सकते हैं। अपनी पसंद का घर भी बना सकते हैं। लेकिन घर की छत लाल और गेरुआ रंग की क्यों होगी?
आरएसएस कार्यालय को तोड़ने का दिया निर्देश
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने आसनसोल में आरएसएस के कार्यालय को तोडऩे का निर्देश दिया। ममता ने कहा कि तालाब भरकर अवैध रूप से इस कार्यालय को बनाया गया है। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद आसनसोल नगर निगम के अधिकारी आरएसएस कार्यालय पहुंचे और इसकी जांच शुरू कर दी। ममता ने इस दिन केंद्र पर भी निशाना साधा और कहा कि मेट्रो स्टेशनों ने सब कुछ गेरुआ कर दिया है। किसी राजनीतिक दल का रंग क्यों?
'ममता का अमानवीय चेहरा उजागर'
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर विधानसभा में भाजपा के सचेतक शंकर घोष ने कहा कि ममता बनर्जी का अमानवीय चेहरा उजागर हो गया है। लाल, गेरुआ के जरिए वह क्या कहना चाहती हैं। माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि घर का रंग नीला और सफेद होने पर कर में छूट मिलेगी। लोगों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। यह लोगों की स्वतंत्रता है कि वे कौन सा रंग चुनें। भाजपा सरकार तय करना चाहती है कि कौन क्या खाएगा। मुख्यमंत्री भी एक रंग में सब कुछ रंगना चाहती हैं।
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